समझा जाता है कि अदाणी समूह (Adani Group) के सौर विनिर्माण कारोबार ने चीन से करीब 30 इंजीनियरों को लाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है। बुनियादी ढांचे से लेकर खनन क्षेत्र वाले इस समूह के लिए ये इंजीनियर सौर उपकरणों की दमदार और स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद कर सकते हैं।
कंपनी ने अपनी प्रस्तुतियों में आठ विदेशी साझेदारों का उल्लेख किया है। ये सभी चीन के हैं और मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) तथा आपूर्ति श्रृंखला विक्रेता हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड ने इन दस्तावेज को देखा है। इनके अनुसार कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 591 करोड़ रुपये के और वित्त वर्ष 2022-23 में 180 करोड़ रुपये के चीनी उपकरणों का आयात किया है।
अदाणी सोलर (Adani Solar) की सौर विनिर्माण इकाई मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड (एमएसटीएल) ने साल 2027 तक 10 गीगावॉट की एकीकृत सौर विनिर्माण क्षमता निर्माण का लक्ष्य रखा है। सरकार को दी गई कंपनी की सूचना के अनुसार यह कारखाना गुजरात के कच्छ में 25,114 करोड़ रुपये के निवेश से लगाया जा रहा है।
मुंद्रा सोलर केंद्र सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत भी पात्र है। पीएलआई योजना के तहत यह चार गीगावॉट सौर मॉड्यूल विनिर्माण लगाएगी। इसका इंगट, वेफर और सेल (सौर मॉड्यूल/पैनल हिस्से) विनिर्माण पीएलआई में शामिल नहीं हैं।
फरवरी में अदाणी सोलर ने अपनी सौर विनिर्माण इकाई में काम पर रखे जाने वाले 15 चीनी नागरिकों के लिए वीजा मांगा था। मार्च में उसने 13 और चीनी नागरिकों के लिए वीजा का अनुरोध किया। ये इंजीनियर अदाणी सोलर के चीनी सौर आपूर्ति श्रृंखला के विक्रेताओं के साथ काम कर हैं।
विदेशी विक्रेताओं और अधिकारियों के लिए मंजूरी की मांग करते हुए सौर पीएलआई के लिए नोडल मंत्रालय – नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) को दिए अपने आवेदन में कंपनी ने अपने सौर कारोबार को मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा बताया है।
अदाणी सोलर की ओर से सूचीबद्ध आठ चीनी विक्रेता सिलिकॉन सेल, फोटोइलेक्ट्रिक उपकरण, वेफर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर और सौर उपकरण आपूर्ति श्रृंखला के लिए जरूरी ऐसी ही उपकरणों के निर्माण में लगे हुए हैं। इन फर्मों के इंजीनियर उत्पाद इकाइयां लगाने, मौजूदा इकाइयों में उत्पादन बढ़ाने और भारतीय कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में अदाणी की मदद करेंगे।
भारत में उनके रहने की अवधि छह महीने से एक वर्ष तक की है। चीन के इंजीनियरों को वीजा मंजूरी के लिए कंपनी ने तर्क दिया है कि ऐसी सौर इकाई लगाने के लिए भारत में विशेषज्ञता की कमी है।
अदाणी सोलर के आवेदन में कहा गया है कि भारत में पहली बार सौर विनिर्माण परियोजना लगाई जा रही है। इसके लिए हमारे पास विशेषज्ञ नहीं हैं। इसलिए हमें संयंत्र की स्थापना, परीक्षण और चालू करने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता है। हालांकि उसने कहा है कि कंपनी इस बात की गारंटी देती है कि इन अधिकारियों को कुछ समय के लिए नियुक्त किया जाएगा, वे भारतीय कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे और निर्धारित अवधि से पहले चले जाएंगे।
साल 2020 में गलवान में हुई झड़प भारत-चीन के संबंधों में महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसका कारोबारी संबंधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। तब से उन्होंने दोनों देशों के लोगों पर वीजा और यात्रा के अंकुश लगा दिए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) समेत करीब सभी सौर पीएलआई विजेताओं ने चीन के आपूर्ति श्रृंखला साझेदारों और सेवा प्रदाताओं को सूचीबद्ध किया है, जिनमें से कुछ ने 50 से अधिक चीनी विक्रेताओं का उल्लेख किया है। इन कंपनियों ने अपने विक्रेता साझेदारों के लिए वीजा पर छूट और चीन से तकनीक आयात करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।