महाराष्ट्र में घर या जमीन ख़रीदना आज से महंगा हो गया है। राज्य में रेडी रेकनर की औसत दर में 4.39 फीसदी की वृद्धि की गई है। इसलिए राज्य में मकान और संपत्ति खरीदना और भी महंगा हो जाएगा। राज्य के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग द्वारा रेडी रेकनर की दर में पिछले तीन वर्षों से कोई वृद्धि नहीं की गई है। हालांकि, इस बार राज्य के सभी विभागों में रेडी रेकनर की दरों में बढ़ोतरी की गई है और नई दरें आज यानी एक अप्रैल से लागू होंगी। शहरी क्षेत्रों में यह वृद्धि 5.95 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 3.36 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।
राज्य में हर साल एक अप्रैल से रेडी रेकनर के दाम नए सिरे से लागू होते हैं। कोरोना महामारी के कारण प्रॉपर्टी बाजार पर पड़े प्रभाव के कारण राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में रेडी रेकनर दर में संशोधन नहीं किया था। राज्य सरकार को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण से अधिक राजस्व की उम्मीद है। अब, रेडी रेकनर दरों में भारी वृद्धि के कारण, संपत्ति की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे घर खरीदारों पर अधिक बोझ पड़ेगा।
इस बार रेडी रेकनर दर में बढ़ोत्तरी का अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था। के दाम में बढ़ोतरी कर सकती है। रेडी रेकनर दर में बढ़ोतरी होने से महानगरपालिका क्षेत्र में घर या जमीन खरीदने की चाह रखने वाले ग्राहकों को अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी। मीरा-भायंदर में 6.26 फीसदी, कल्याण-डोंबिवली में 5.84 फीसदी, नवी मुंबई में 6.75 फीसदी, पुणे में 4.16 फीसदी और नासिक में 7.31 फीसदी की वृद्धि की घोषणा की गई है।
मुंबई को छोड़कर राज्य में औसत वृद्धि 4.39 फीसदी की गई। महानगरपालिका (मुंबई को छोड़कर) क्षेत्र में औसत 5.95 फीसदी, मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र औसत वृद्धि 3.39 प्रतिशत, सम्पूर्ण राज्य की औसत वृद्धि 3.89 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्र में 3.36 प्रतिशत और नगर परिषद एवं पंचायत क्षेत्र में 4.97 प्रतिशत की औसत बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी सोलापुर में 10.17 फीसदी और सबसे कम परभणी में 3.71 फीसदी की हुई है।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल का रेडी रेकनर दरों में बढ़ोतरी पर कहना है कि ये फैक्टर अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर पर असर डाल सकते हैं, इन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि वो किफायती आवास को बनाए रखते हुए बाजार की बढ़ोतरी को बनाए रखने के लिए संतुलित नजरिया अपनाएं। रेडी रेकनर दरों में पिछली बढ़ोतरी 2022-23 में की गई थी । इस बार, ऐसी अटकलें थीं कि मुंबई और अन्य क्षेत्रों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। भले ही ये बढ़ोतरी पूर्वानुमानों की तुलना में कम है, फिर भी ये आने वाले महीनों में बाजार के रुझान को प्रभावित करने के लिए काफी है।