फ्यूचर रिटेल (Future Retail) ने उन 48 बोलीदाताओं की निर्णायक लिस्ट पेश की है जिन्होंने कंपनी का अधिग्रहण (acquiring) करने के लिए समाधान आवेदनों के तौर पर अपने आवेदन सौंपे हैं।
फ्यूचर रिटेल द्वारा स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) को भेजी जानकरी के अनुसार, इन बोलीदाताओं में जे सी फ्लावर्स ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन, रिलायंस रिटेल वेंचर्स, डब्ल्यूएच स्मिथ ट्रैवल और अप्रैल मून रिटेल (अदाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग और फ्लेमिंगो ग्रुप के बीच संयुक्त उपक्रम), जिंदल पावर और कई साइक्लिंग कंपनियां शामिल हैं।
इससे पहले फ्यूचर रिटेल ने 49 कंपनियों की सूची जारी की थी, जिन्होंने कंपनी के ऋणदाताओं द्वारा नई बोलियां मंगाने का निर्णय लिए जाने के बाद 10 अप्रैल अपने अभिरुचि पत्र (EOI) सौंपे थे।
स्टॉक एक्सचेंज से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुरू में अपना अभिरुचि पत्र सौंप चुकी बोमिडाला एंटरप्राइजेज ने कहा है कि वह समाधान योजना नहीं सौंपेगी। इस महीने, राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (NCLAT) ने फ्यूचर रिटेल की कॉरपोरेट दिवालिया प्रक्रिया संचालित करने के लिए 90 दिन की मोहलत दी थी और फिर इसकी अवधि बढ़ाकर 15 जून कर दी गई।
पिछले महीने, फ्यूचर रिटेल के लेनदारों ने कंपनी और उसकी परिसंपत्तियों के लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए थे। 1 मार्च को कंपनी ने एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा था कि वह कायाकल्प की योजना तैयार करने में विफल रही है और ऋणदाता ही अब आगे की कार्रवाई का निर्णय करेंगे।
23 मार्च, 2023 को, FRL के लेनदारों ने नए EOI आमंत्रित किए, जिससे कि संभावित खरीदार कर्ज में डूबी इस कंपनी के लिए बोली लगा सकें, क्योंकि वह चार महीने से भी ज्यादा समय से उपयुक्त समाधान योजना आकर्षित करने में कामयाब नहीं हो पाई है।
शुरू में, फ्यूचर रिटेल को EOI मिले थे और 11 संभावित बोलीदाताओं पर विचार भी किया गया था, जिनमें रिलायंस और अप्रैल मून रिटेल शामिल थीं, लेकिन संबद्ध समय-सीमा में दो बार रियायत के बावजूद समाधान योजना पर आगे नहीं बढ़ा जा सका।
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लेनदारों की समिति (COC) ने शुरू में EOI में दो विकल्प मुहैया कराए थे, जिसके लिए आवेदन सौंपने की आखिरी तारीख 7 अप्रैल, 2023 थी। पहले विकल्प में, संभावित समाधान आवेदक (PRA) पूरी तरह से FRL अधिग्रहण के लिए बोली लगा सकता है, जिसमें कंपनी की सहायक इकाइयों में उसकी शेयरधारिता भी शामिल होगी। दूसरे विकल्प के तहत, FRL के व्यवसाय को पांच हिस्सों में विभाजित किया गया और PRA किसी भी हिस्से के लिए बोली लगा सकते हैं।
नए EOI के अनुसार, ‘जटिलता और FRL के परिचालन आकार के संदर्भ में, समाधान पेशेवर को कॉरपोरेट देनदार के व्यवसाय को पांच हिस्सों में वर्गीकृत करने के संदर्भ में FRL की COC के साथ परामर्श करना और उसकी पूर्व सहमति लेना अनिवार्य है।’
ऋण नहीं चुका पाने के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ CIRP की शुरुआत की थी। IBC के तहत, EOI 4 अक्टूबर, 2022 को संभावित बोलीदाताओं से आमंत्रित की गई थीं।