तीन कृषि कानूनों पर चल रही चर्चा के बीच पंजाब और हरियाणा के किसान केंद्र के साथ एक और लड़ाई की राह पर हैं। इस बार धान की सालाना खरीद में होने वाली देरी से किसान नाराज हैं।
इन दो उत्तर भारतीय राज्यों में सामान्यतया धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल केंद्र ने कुछ दिन पहले आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दोनों राज्यों में 11 अक्टूबर से खरीद शुरू होगी क्योंकि देर तक चली बारिश के कारण धान में नमी अनुमति प्राप्त सीमा की तुलना में ज्यादा है।
बहरहाल किसान नेताओं ने इसे मनमाना फैसला करार दिया है, क्योंकि तमाम जगहों पर किसानों ने पहले ही अपना धान मंडियों में लाना शुरू कर दिया था, जिससे खरीद हो सके। अब उन्हें खरीद शुरू होने के लिए 10 दिन इंतजार करना पड़ेगा।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस फैसले को मजाक करार देते हुए कहा कि तमाम किसान पहले ही राज्य की मंडियों में धान लेकर पहुंच गए हैं और अब वह पूछ रहे हैं कि अब इसे लेकर कहां जाएं और क्या करें।
शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लंबी मुलाकात कर खरीद में देरी का मसला उठाया और उन्हें इस मसले के जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है।
