facebookmetapixel
Upcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों सेट्रंप ने दी दीपावली की बधाई, मोदी बोले – आपके कॉल के लिए धन्यवाद, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंआरबीआई बदल सकता है नियम, बैंक बिना पूर्व अनुमति बना सकेंगे सहायक कंपनियांप्रवासी भारतीयों ने कम भेजा धन, अप्रैल-जुलाई के दौरान घटकर 4.7 अरब डॉलरक्या मोदी जाएंगे कुआलालंपुर? पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सस्पेंस बरकरारउपेंद्र कुशवाहा बोले – नीतीश ही रहेंगे NDA का चेहरा, बिहार चुनाव में नेतृत्व को लेकर नहीं कोई मतभेदकोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ापराली जलाने में कमी के बावजूद बढ़ा प्रदूषणमैग्नेट रिसाइक्लिंग पर जोर, पीएलआई योजना में शामिल करने की सिफारिश

Year Ender: साल 2024 में गोल्ड, सिल्वर ईटीएफ में हुआ 19,000 करोड़ का निवेश

पिछले दशक में गोल्ड ईटीएफ में सबसे ऊंचा रिटर्न साल 2020 (26.5 फीसदी) और साल 2019 में (22.5 फीसदी) मिला था। चांदी की कीमतों में भी साल 2024 में इजाफा हुआ

Last Updated- December 29, 2024 | 11:55 PM IST
Gold

कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान गोल्ड और सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) की मांग में असाधारण बढ़ोतरी हुई। इस वृद्धि को ऊंची कीमतों और अनुकूल कर समायोजन से बल मिला। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार इस साल के पहले 11 महीने में निवेशकों ने गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में करीब 19,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जो वर्ष 2023 में 9,485 करोड़ रुपये था।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल सोने और चांदी की कीमतों में तेजी कई वजहों से दर्ज की गई, जिनमें केंद्रीय बैंकों की नीतियां और भूराजनीतिक तनाव शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि कुछ अन्य चीजों मसलन मांग-आपूर्ति में असंतुलन और घरेलू बाजार के हालात ने इन धातुओं की कीमतों की चाल पर असर डाला।

कीमत में तेजी से गोल्ड ईटीएफ का प्रदर्शन चार साल में सबसे मजबूत रहा और पिछले साल के मुकाले घरेलू गोल्ड ईटीएफ में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ। पिछले दशक में गोल्ड ईटीएफ में सबसे ऊंचा रिटर्न साल 2020 (26.5 फीसदी) और साल 2019 में (22.5 फीसदी) मिला था। चांदी की कीमतों में भी साल 2024 में इजाफा हुआ और इस अवधि में ईटीएफ ने मोटे तौर पर 17 फीसदी रिटर्न दिया। कई अन्य कारकों ने बढ़ी मांग में योगदान किया।

आम बजट में पेश नए कर प्रावधानों के तहत गोल्ड ईटीएफ से मिले लाभ पर 12 फीसदी की दर से लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगेगा बशर्ते इसमें एक साल तक निवेश बरकरार रखा गया हो। अप्रैल 2023 में समाप्ति के तबाद दोबारा एलटीसीजी को लागू करने से ईटीएफ को लेकर उत्साह बढ़ा है। नया सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड जारी न होने से भी दिलचस्पी में इजाफा हुआ है। दोनों धातुओं के मामले में कैलेंडर वर्ष 2025 का आउटलुक अनिश्चित है। विश्लेषकों का मानना है कि मांग को आगे बढ़ाने वाले कुछ कारक कमजोर हो रहे हैं और अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी से नई अनिश्चितता पैदा हुई है।

एमके ग्लोबल ने एक रिपोर्ट में कहा कि सोने की तेजी को सहारा देने वाले कई कारक अब नरम हुए हैं। संघर्ष वाले क्षेत्रों मसलन रूस-यूक्रेन और इजरायल-हिजबुल्ला में युद्ध विराम की कूटनीतिक कोशिशों के साथ-साथ डॉनल्ड ट्रंप के अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर ज्यादा जोर देने से सुरक्षित परिसंपत्तियों के तौर पर कीमती धातुओं की मांग पर असर पड़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि सकारात्मक संकेत उभरे हैं और चीन छह महीने के बाद फिर से सोने की खरीद शुरू कर रहा है और वह खुद को सबसे अहम खरीदार के तौर पर स्थापित कर रहा है। मोतीलाल ओसवाल ने अपने आउटलुक में सोने को लेकर आशावाद जताया है और मध्यम से लंबी अवधि में कीमतों में इजाफे का अनुमान प्रकट किया है।

First Published - December 29, 2024 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट