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बुकिंग के दिन पा सकेंगे सिलिंडर!

Last Updated- December 12, 2022 | 9:47 AM IST

रसोई गैस (एलपीजी) की डिलिवरी का इंतजार अब बीते दिनों की बात हो सकती है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) तत्काल एलपीजी सेवा लागू करने की योजना बना रही है, जिससे ग्राहकों को बुकिंग के दिन ही रसोई गैस सिलिंडर मिल सके।
आईओसीएल के शीर्ष प्रबंधन ने एक नोट में लिखा है, ‘हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को कम से कम एक प्रमुख शहर/जिला चिह्नित करना चाहिए, जहां एलपीजी एसबीसी (सिंगल बॉटल सिलिंडर) के लिए तत्काल एलपीजी सेवा शुरू की जा सके। इस योजना के तहत हम अपने ग्राहकों को बुकिंग के 30 से 45 मिनट के भीतर रसोई गैस सिलिंडर की डिलिवरी सुनिश्चित करेंगे।’
यह पहल आईओसीएल की जीवन सुगम बनाने कवायद का हिस्सा है, जिसे अभी अंतिम रूप दिया जाना है।
नोट में कहा गया है, ‘इस सेवा से हम अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग हो सकेंगे और आईओसीएल की उपभोक्ता केंद्रित नीति को विस्तार मिलेगा।’
अधिकारियों के मुताबिक यह सेवा जल्द ही शुरू की जा सकती है, जिसे 1 फरवरी 2021 से शुरू करने का लक्ष्य था। इंडियन ऑयल इंडेन ब्रांड से रसोई गैस सिलिंडरों की बिक्री करती है। यह कुल 28 करोड़ घरेलू रसोई गैस ग्राहकों में से 14 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं देती है। अधिकारी ने कहा, ‘डीलरों के मौजूदा डिलिवरी नेटवर्क का इस्तेमाल तत्काल योजना के लिए किया जाएगा। इस परियोजना के ब्योरे पर अभी काम होना है, जैसे प्रीमियम योजना, जिसमें ग्राहकों से एक दिन में डिलिवरी सेवा के लिए कुछ शुल्क लिया जाएगा।’
एसबीसी या सिंगल बॉटल सिलिंडर के ग्राहकों के पास सिर्फ एक रसोई गैस सिलिंडर होता है और उन्हें गैस खत्म होने पर समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं अन्य श्रेणी डीबीसी या डबल बॉटल सिलिंडर ग्राहकों की है, जिनके पास 14.2 किलो घरेलू रसोई गैस के 2 सिलिंडर होते हैं और खत्म होने पर वह दूसरे सिलेंडर का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों को गैस को खाना पकाने का प्राथमिक साधन बनाने में सिलेंडरों की डिलिवरी बड़ी चुनौती होती है।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऐसा पाया गया है कि 36.62 लाख रिफिल मेंं से 5,94,000 रिफिल की डिलिवरी में 30 दिन से ज्यादा की देरी होती है। पीएमयूवाई के ज्यादातर ग्राहकों के पास एक सिलिंडर होता है, ऐसे में डिलिवरी में देरी से योजना का मुख्य उद्देश्य प्रभावित होता है, जिसके तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को स्वच्छ ईंधन की ओर ले जाना है। देरी की वजह से लाभार्थियों को गैर साफ ईंधन की ओर लौटने को बाध्य होना पड़ सकता है, जिसका वे पहले इस्तेमाल करते रहे हैं।’
यह योजना पूरी तरह से नई नहीं है। 2010 में तेल मंत्री मुरली देवड़ा ने तरजीही समय एलपीजी डिलिवरी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत ग्राहक सुबह 7 बजे से शाम 9 बजे के बीच अपनी सुविधा मुताबिक रसोई गैस मंगा सकते थे, जिसके लिए प्रति डिलिवरी 20 रुपये से 50 रुपये शुल्क लगाया गया था। एक एलपीजी डीलर ने कहा कि कामकाजी जोड़ों ने इस योजना के तहत सिलिंडर लेना शुरू किया था, लेकिन प्रचार प्रसार न होने के कारण योजना चल नहीं सकी।

First Published - January 14, 2021 | 12:35 AM IST

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