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गेहूं कारोबारियों को पोर्टल पर अगले आदेश तक देनी होगी स्टॉक की जानकारी, विशेषज्ञों ने बताई वजह

सभी राज्यों और UTs के कारोबारी/ थोक कारोबारी/खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता और प्रोसेसर को एक अप्रैल से गेहूं के स्टॉक की अनिवार्य रूप से घोषणा करनी होगी।

Last Updated- March 29, 2024 | 9:23 PM IST
Wheat prices at 9 month high, demand of flour mills from government to release stock intensifies गेहूं के दाम 9 महीने के हाई पर, आटा मिलों की सरकार से स्टॉक जारी करने की मांग तेज

केंद्र सरकार ने गेहूं की जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए कारोबारियों को स्टॉक की जानकारी सरकारी पोर्टल पर देने का आदेश दिया है। उपभोक्ता मामले और खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आदेश के अनुसार सभी राज्यों और संघ शासित राज्यों के कारोबारी/ थोक कारोबारी/खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता और प्रोसेसर को एक अप्रैल से गेहूं के स्टॉक की अनिवार्य रूप से घोषणा करनी होगी। इस स्टॉक की जानकारी हर शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर अगले आदेश तक देनी होगी।

सभी संबंधित वैधानिक संस्थाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि पोर्टल पर स्टॉक की नियमित और उचित रूप से जानकारी प्रदान की जाए। चावल के मामले में स्टॉक की जानकारी देने का आदेश पहले से ही लागू है।

देश में गेहूं का स्टॉक सात साल के निचले स्तर पर चला गया है। इस साल एक मार्च को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 97 लाख टन दर्ज किया, जबकि पिछले साल एक मार्च को यह आंकड़ा 116.7 लाख टन था। देश में सात साल पहले एक मार्च, 2017 को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर 94.20 लाख टन चला गया था। बफर नियमों के मुताबिक एक अप्रैल को यह 75 लाख टन होना चाहिए।

जानकारों के अनुसार केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक कम रहने की वजह बीते दो विपणन वर्ष में गेहूं के उत्पादन में कमी आना है। लेकिन अगले महीने से शुरू हो रहे नए विपणन वर्ष में गेहूं का स्टॉक बढ़ सकता है क्योंकि इस बार गेहूं का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में 300 से 320 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद करने का लक्ष्य रखा है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में हुई 260 लाख टन खरीद से अधिक है।

उक्त वर्ष सरकार ने 341.50 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था। एक कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार गेहूं की खरीद बढ़ाकर स्टॉक को भरना चाहती है और वह गेहूं की निजी खरीदारों द्वारा की जाने वाली खरीद पर भी निगरानी रख रही है। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार फिर गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगा सकती है।

एक प्रमुख जिंस विश्लेषक ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद अच्छी हो सकती है क्योंकि इन राज्यों में सरकार ने किसानों को गेहूं पर बोनस दिया है। उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद में समस्या आ सकती है। इसकी वजह निजी खरीदार गेहूं के दाम कम होने के कारण मध्य प्रदेश व राजस्थान की बजाये उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीदने के इच्छुक हैं। इसलिए केंद्र सरकार गेहूं की निजी खरीद पर नजर रख रही है।

First Published - March 29, 2024 | 9:23 PM IST

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