facebookmetapixel
Stock Market Today: GIFT Nifty में गिरावट, एशियाई बाजार भी लाल; HCLTech Q2 और Tata Capital IPO पर नजरStocks To Watch Today: Tata Capital, Dmart, Waaree Renewable समेत आज कई दिग्गज शेयरों में रहेगी चर्चासोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ा

सोने के कारोबार में अस्थिरता, कीमत सुधरने की उम्मीद

Last Updated- December 07, 2022 | 10:00 PM IST

सोने के बाजार में अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता की वजह से लोग अविश्वसनीय तौर पर इक्विटी और कमोडिटी की तरफ रुख कर रहे हैं। इक्विटी में ज्यादा फायदा नजर आ रहा है और कमोडिटी में फंड की कमी दिख रही है।

मुख्य तौर पर जब से अमेरिकी निवेश बैंक लीमन ब्रदर्स के दिवालियेपन की खबर आई है, कमोडिटी को लेकर लोगों की भावनाओं में जबर्दस्त बदलाव आया है। लंदन की कंसल्टेन्सी कंपनी गोल्ड फील्ड मिनरल्स सर्विसेज (जीएफएमएस) ने इस ओर इशारा किया है कि अमेरिकी डॉलर निवेशकों के बीच काफी प्रचलित हो गया है, लेकिन इसकी आपूर्ति को लेकर बड़ा संकट है।

यही हाल सोने का भी है।विशेषज्ञों के मुताबिक पूरे कमोडिटी बास्केट का भविष्य काफी ढीला ढाला है। इसलिए किसी खास बास्केट में निवेश करने का विकल्प ज्यादा फायदेमंद नही है। वैसे अभी भी लंदन की ओ कोनोर जैसी फंड कंपनी कमोडिटी पर अपना विश्वास बनाए हुए है और सोने में निवेश करने को प्रतिबद्ध है।

ओ कोनोर अभी आयरलैंड की राष्ट्रीय पेंशन रिजर्व फंड के आवंटन का काम देख रही है, जो यूरोप की 35 वीं सबसे बड़ी पेंशन इक्विटी है और इसके तहत 20 अरब यूरो का प्रबंधन किया जा रहा है।

सोने की लघु अवधि स्थिति अभी अनिश्चित है और यह डॉलर की गति के साथ साथ अपने पैंतरे भी बदलता रहता है। रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के जयंत मांगलिक का कहना है कि सोने की किस्मत डॉलर की गति पर निर्भर करता है।

बी एन बैद्य एंड एसोसिएट के विश्लेषक भार्गव वैद्य, जो मुंबई में सोने के व्यापार से जुड़े हैं, का कहना है कि अधिक तरलता की वजह से शुक्रवार से कोई ताजा व्यापार नही हो सका है।  वैसे खरीदार भविष्य में दामों में सुधार के लिए आशान्वित हैं। हालांकि पुराने ऑर्डर पर कोई असर नही पड़ा है।

वर्तमान मूल्य तरलता की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में उछाल जारी है। हालांकि रुपये में गिरावट और वित्तीय बाजार में हुए संकट ने भी सोने के बाजार को प्रभावित करने में कोई कसर नही छोड़ा है।

पिछले एक से डेढ महीने में भारतीय रुपया 12 प्रतिशत कमजोर हुआ है। वर्तमान में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया की कीमत 45.85 है, जो पिछले सप्ताह 46.70 था। कच्चे तेल में भी गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को 6 प्रतिशत की तेजी देखी गई।

शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 101.22 डॉलर प्रति बैरल था, जो गुरुवार को 96.63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था। लंदन में सोने के हाजिर कारोबार में मामूली गिरावट देखी गई और यह 858 डॉलर के स्तर पर था। पिछले सत्र में सोना अपने 902.60 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था। 4 अगस्त से यह सबसे ऊंचा स्तर था।

वैद्य यह यकीन रखते हैं कि सोना दिवाली के समय भारत में प्रति दस ग्राम के लिए 12000 रुपये के स्तर पर रहेगा और लंदन में यह 800 डॉलर से कम रहेगा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) में सोने के वायदा कारोबार में 6.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।



 

First Published - September 21, 2008 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट