स्टील उद्योग ने सरकार से स्टील की कीमतों को कम करने के लिए प्रस्तावित उपायों पर अमल करने के लिए कहा है।
उद्योग का कहना है कि इन उपायों को लागू करने से स्टील की कीमतों में 12-15 फीसदी की गिरावट आएगी। जेएसडब्ल्यू स्टील के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सान जिंदल ने कहा कि स्टील उद्योग जगत ने सरकार के समक्ष तीन उपायों को लागू करने का प्रस्ताव रखा है।
उम्मीद है कि इन उपायों पर अमल से स्टील की कीमत 12-15 फीसदी नीचे आ जाएगी। जिंदल ने कहा कि पहला सुझाव स्टील उत्पादन पर लगने वाले उत्पाद कर में कमी करना है। अगर उत्पाद कर को 14 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया जाए तो स्टील की कीमत में 8 फीसदी तक की गिरावट हो सकती है। दूसरा प्रस्ताव लौह अयस्क के निर्यात पर 25 फीसदी शुल्क लगाने का है।
इससे स्टील के भाव में पांच फीसदी तक की गिरावट होने की संभावना है। तीसरा प्रस्ताव स्टील उत्पादन के कच्चे माल के आयात पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करना है। स्टील उद्योग जगत का कहना है कि कोक, चूनापत्थर व लौह अयस्क, एल्युमिनियम व तांबे जैसे कच्चे माल के आयात शुल्क को समाप्त कर दिया जाता है तो स्टील उत्पादों के दामों में दो फीसदी की कमी हो जाएगी।
जिंदल ने बताया कि उद्योग जगत ने कीमत को स्थिर रखने का फैसला किया है और सरकार द्वारा यह बताने पर कि उनके प्रस्तावों पर अमल कर दिया गया है, स्टील की कीमत को कम कर देंगे। स्टील उद्योग के सूत्रों के मुताबिक उद्यमियों ने सरकार को यह आश्वासन दिया है कि वे स्टील की कीमत में कोई वृध्दि नहीं करेंगे लेकिन कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी होती है और एनएमडीसी अपनी कीमत को बढ़ाता है तो वे भी स्टील की कीमत बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे।
सरकार से जुड़ी एनएमडीसी पहले ही अपने पुराने ग्राहकों को इस बात की सूचना दे चुका है कि एक अप्रैल से स्टील की कीमतों में बदलाव होगा और यह प्रभाव पहले से लागू माना जाएगा। एनएमडीसी का स्टील उत्पादन से जुड़े कई बड़े खिलाड़ियों से काफी लंबे समय से संबंध है। हालांकि वाणिज्य सचिव ने इस मामले को लेकर फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (फिमी) से मुलाकात की है। और उन्हें उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया है।
वाणिज्य सचिव ने इस क्षेत्र से जुड़े स्पंज ऑयरन, पिग ऑयरन व स्टील उत्पादकों से एक सप्ताह के भीतर मुलाकात करने का आश्वासन दिया है। सूत्रों का कहना है कि स्टील की कीमतों को कम करने के उपायों पर अमल के लिए इनसब के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
स्टील उद्योग के सूत्रों के मुताबिक गत साल स्टील उत्पादन की लागत में प्रतिटन 12,000 रुपये का इजाफा देखा गया। इस साल के आरंभ से ही स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जनवरी, 2008 से लेकर अबतक स्टील की कीमतों में प्रतिटन 6,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।