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बनी रहेगी स्टील की मांग

Last Updated- December 11, 2022 | 4:55 AM IST

भारत एकमात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां 2009 के दौरान स्टील की खपत बढ़ने की उम्मीद है।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (डब्ल्यूएसए) में करीब दुनिया के 180 स्टील उत्पादक शामिल हैं, जिसमें विश्व के 20 में से 18 सदस्य हैं, का यही अनुमान है।
हाल ही में स्टील उत्पादकों के इस संगठन ने 2009 में खपत के अनुमानों को संशोधित किया और पाया कि नॉर्थ अमेरिकन फ्री टे्रड एग्रीमेंट (नाफ्टा) क्षेत्र में स्टील की मांग में जोरदार कमी के आसार हैं।  यह कमी विश्व युध्द के बाद की सबसे बड़ी कमी होगी। संगठन ने अनुमान लगाया है कि स्टील की मांग में 36.6 प्रतिशत की कमी आएगी।
नाफ्टा क्षेत्र के बाहर यूरोप सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र होगा। यूरोपियन यूनियन (ईयू) और कामनवेल्थ आफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस) क्षेत्र में मांग में 25 प्रतिशत गिरावट के अनुमान हैं। जापान भी इससे बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि स्टील का सामान बनाने वाली कंपनियों के निर्यात में खासी गिरावट आई है।
खासकर ऑटोमोटिव और मशीनरी क्षेत्र में 20.4 प्रतिशत की गिरावट है, जहां बड़े पैमाने पर स्टील का प्रयोग होता है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं पर आर्थिक संकट का कम प्रभाव पड़ा है। ब्राजील, रूस, भारत और चीन (बीआरआईसी) पर नजर डालें तो भारत में 2009 के दौरान 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है।
आर्थिक संकट के चलते चीन में मांग में 5 प्रतिशत की कमी आई है, जहां इसकी बहुत ज्यादा मांग रहती है। इसके पहले 1995 में चीन में मांग में कमी आई थी। अगर चीन को निकाल दें तो पूरी दुनिया में स्टील की खपत में 2009 में 20.4 प्रतिशत की कमी के आसार हैं।
डब्ल्यूएसए के मुताबिक ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया में स्टील के प्रयोग में 14.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी, जबकि पिछले साल 2008 में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। उद्योग जगत के जानकारों का मानना है कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि पूरी दुनिया में स्टील की मांग में कमी आई है, ऐसे में भारत में मांग में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि भारत में प्रति व्यक्ति स्टील की खपत पहले ही बहुत कम है।
भारत में प्रति व्यक्ति स्टील की खपत 38 किलो है। फिच रेटिंग एजेंसी के मुताबिक 2009 के दौरान स्टील उत्पादकों के मुनाफे पर दबाव बने रहने के आसार हैं, हालांकि लागत मूल्य में कमी आने से कुछ फायदा मिलेगा। रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा है कि मंदी के बावजूद भारत की किसी भी बड़ी उत्पादक कंपनी ने अपने उत्पादन में कटौती नहीं की है।

First Published - May 2, 2009 | 4:32 PM IST

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