वित्त वर्ष 2020 में स्टील आयात में बड़ी गिरावट देसी स्पंज आयरन उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हुआ है, जहां उत्पादन में 7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। तमिलनाडु की स्पंज यूनिट कंपनी अग्नि स्टील लिमिटेड के निदेशक एम चिन्नासामी ने कहा, कई उपभोग क्षेत्र में स्पंज आयरन का इस्तेमाल स्टील स्क्रैप के विकल्प के तौर पर किया जाता है, ऐसे में पिछले साल स्क्रैप के आयात में गिरावट से देसी स्पंज उद्योग को फायदा मिला है।
ज्वाइंट प्लांट कमेटी के आंकड़ों के मुताबिक, देश में स्टील का आयात पिछले साल 14 फीसदी घटकर 67 लाख टन रहा। वहीं दूसरी ओर देसी स्पंज आयरन उद्योग ने सालाना आधार पर उत्पादन में 7 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की और इस अवधि में उसका कुल उत्पादन 3.71 करोड़ टन पर पहुंच गया। कुल स्टील आयात में एक हिस्सा स्क्रैप स्टील का होता है।
उन्होंने कहा, इसके अलावा आर्थिक मंदी के कारण उपभोक्ताओं ने अपनी लागत कम रखना जरूरी समझा और इस वजह से पिछले साल स्क्रैप के मुकाबले स्पंज आयरन को तवज्जो दी। आयातित स्क्रैप सामान्य तौर पर देसी में उत्पादित स्पंज आयरन के मुकाबले 4,000-5,000 रुपये प्रीमियम पर उपलब्ध होता है। इस प्रीमियम की वजह स्क्रैप से मिलने वाला धातु का प्रतिशत है, जो करीब 95 फीसदी होता है जबकि स्पंज आयरन में यह करीब 79-82 फीसदी होता है।
आधुनिक मेटलिक्स के एक अधिकारी ने कहा, स्पंज के मुकाबले स्टील स्क्रैप की गुणवत्ता बेहतर होती है, ऐसे में उसका इस्तेमाल लॉन्ग व फ्लैट स्टील उपभोग वाले क्षेत्रों में होता है।
देश भर में स्पंज आयरन की 950 इकाइयां हैं, जिनमें से करीब 750 इकाइयां अभी परिचालन में हैं। स्पंज आयरन की इकाइयां या तो कोयला आधारित हैं या फिर गैस आधारित और गैस आधारित इकाई से मिलने वाला स्पंज आयरन बेहतर होता है। हालांकि कोयला आधारित स्पंज आयरन का उत्पादन गैस आधारित इकाइयों के मुकाबले ज्यादा है और इसकी वजह देसी कोयले की बेहतर उपलब्धता है।
कोविड-19 महामारी और आर्थिक मंदी के कारण वित्त वर्ष 21 में स्पंज आयरन की मांग के टिकाऊपन को लेकर सवाल बना हुआ है, लेकिन उद्योग के अधिकारियों का मानना है कि देश में स्क्रैप की उपलब्धता के समाधान के लिए यह समय वाहन स्क्रैप नीति बनाने के लिहाज से उपयुक्त है।
आधुनिक मेटलिक्स के अधिकारी ने कहा, चूंकि आयातित स्क्रैप का प्रवाह अभी कमजोर है, ऐसे में वाहन स्क्रैप नीति से देश के स्क्रैप को मदद मिल सकती है।
स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक, कोयला आधारित स्पंज आयरन का उत्पादन वित्त वर्ष 2019 में 2.13 करोड़ टन था, जो एक साल पहले के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा है।