सोने के भाव में तेजी के साथ ही अंतत: चांदी में तेजी दिखने लगी और उसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है। भारत के हाजिर बाजार में चांदी ने सितंबर 2013 के बाद सर्वाधिक ऊंचाई दर्ज की है। एमसीएक्स चांदी सितंबर वायदा में कारोबार 53,000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक भाव पर हो रहा है जबकि मुंबई के जावेरी बाजार में चांदी की कीमत आज 52,195 रुपये प्रति किलोग्राम रही जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 840 रुपये अधिक है। भारत में अप्रैल 2011 में चांदी की कीमत 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गई थी।
हालांकि 3 फीसदी वस्तु एवं सेवाकर के साथ चांदी की थोक कीमत 53,760 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। भौतिक बाजार में सोना आज 49,053 रुपये प्रति 10 ग्राम कीमत पर खुला। चांदी की मांग सोने के मुकाबले बेहतर दिख रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 19.30 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही है। अप्रैल के आरंभ से चांदी की कीमतों में 33.2 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि भारत में केवल जुलाई में ही इसमें 7.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। हालंाकि अप्रैल से अब तक सोने का प्रदर्शन चांदी के मुकाबले कमजोर रहा लेकिन 2020 में अब तक सोने की कीमतों में 25.5 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि चांदी की कीमतों में 111.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
बाजार के जानकारों के अनुसार, अप्रैल से जून तिमाही के दौरान 2,100 टन चांदी का आयात हुआ। जबकि इस दौरान सोने का आयात 10 टन से थोड़ा अधिक रहा। पिछले साल जून तिमाही में भी लगभग इतनी ही मात्रा में आयात किया गया। इस साल जून तिमाही में चांदी की कीमत पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक रही है। दिलचस्प है कि जून तिमाही में आयात मार्च तिमाही के मुकाबले लगभग दोगुना रहा। इसका मुख्य कारण यह है कि मार्च तिमाही चांदी की कीमत अधिक थी जबकि जून तिमाही में चांदी को आकर्षक खरीद माना गया।
सोने पर रिटर्न अच्छा रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से चांदी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था क्योंकि पिछली कई तिमाहियों से औद्योगिक अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ गई थी। लेकिन अब पिछले तीन महीने के दौरान बेस मेटल एवं अन्य औद्योगिक जिंस की कीमतों उल्लेखनीय तेजी दर्ज की गई है और इसकी झलक चांदी में भी दिख रही है।
