पिछले कुछ महीनों से चांदी की चमक लगातार बढ़ती जा रही है। चांदी की सुनहरी चमक के आगे सोना भी फीका पड़ रहा है। इस साल चांदी के दाम में 36 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है। चांदी में रिकॉर्ड रैली की वजह मांग में तेजी को माना जा रहा है । लगातार बढ़ती चमक की वजह से निवेशक अगले कुछ महीनों में चांदी को लाख रुपये के पार देख रहे हैं।
चांदी के भाव अभी 95 हजार रुपये प्रति किलो के आस पास चल रहे हैं। वायदा बाजार (MCX) पर चांदी का बेंचमार्क जुलाई अनुबंध चांदी 250 रुपये की तेजी के साथ 95698 रुपये पर पहुंच गया जबकि कारोबारी समय में 96300 रुपये के सर्वोच्च स्तर को छू लिया था। हाजिर बाजार में चांदी के दाम 94118 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए।
जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव 31.96 डॉलर प्रति औंस पर चल रही है। वायदा और हाजिर में सौदों की संख्या बढ़ रही है। औद्योगिक मांग भी तेज है जिसको देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में चांदी एक लाख की सीमा को पार कर जाएगी।
सोने-चांदी के भाव में तेजी इस साल फरवरी महीने से शुरु हुई। फरवरी में चांदी का औसत दाम 69312 रुपये प्रति किलोग्राम और सोना का औसत कीमत 61992 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जबकि चालू मई महीने में चांदी का औसत दाम 94118 और सोना 72123 रुपये है। फरवरी से अभी तक चांदी के दाम करीब 36 फीसदी उछल हैं जबकि सोने की कीमत में करीब 16 फीसदी की तेजी हुई है।
पिछले 10 सालों में चांदी का खनन उत्पादन लगभग स्थिर रहा है । 2015 में 897 मिलियन औंस का खनन किया गया था, जबकि 2023 में यह 824 मिलियन औंस हुआ। इस दौरान चांदी की औद्योगिक मांग 457 मिलियन औंस से बढ़कर 654 मिलियन औंस हो गई ।
चांदी की बढ़ती मांग ने निवेशकों और खरीदारों की आंखों में चमक भर दी। बढ़ती कीमतों ने निवेशकों को चांदी ETF की ओर आकर्षित किया है, जिससे अतिरिक्त मांग पैदा हुई है। 2023 में चांदी में शुद्ध भौतिक निवेश 243 मिलियन औंस तक पहुंच गया, जो चांदी के लिए उद्योग की मांग का 37 प्रतिशत है।
चांदी ज्वेलरी के साथ प्रमुख औद्योगिक धातु भी है। इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर पैनलों और 5जी एंटिना सहित अन्य उत्पादों में चांदी एक अनिवार्य कच्चा माल है, जिससे आने वाले सालों में मांग में लगातार बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि फिलहाल चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता, ऊंची महंगाई दर, मजबूत औद्योगिक मांग के साथ दरों में कटौती की उम्मीद के कारण चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। जो घरेलू बाजार में चांदी को इसी साल एक लाख रुपये के आंकड़े के पार ले जाएंगी।