अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में भारी गिरावट को देखते हुए भारत में सोने की कीमतें सितंबर तक 11,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर से नीचे आने की संभावना है।
बंबई बुलियन असोसिएशन (बीबीए) के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तर्ज पर सोने की कीमतों में तेज गिरावट आई है और सितंबर के अंत तक भारत में सोने की कीमतें और घटकर 10,400 से 10,600 प्रति दस ग्राम के दायरे में आ सकती हैं।
घरेलू बाजार में जुलाई में सोने की कीमतों में तेजी का रुख बनना शुरू हुआ था और महीने के मध्य तक यह 13,567 रुपये प्रति दस ग्राम के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन महीने के अंत में कीमतों में गिरावट का रुख शुरू हो गया।
गौरतलब है कि 26 जुलाई को सोने की कीमत 12,705 रुपये पर थी जो स्थानीय सर्राफा बाजार में वर्तमान में घटकर 11,300 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ चुकी है। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत दिसंबर, 2007 के बाद पहली बार 800 डॉलर प्रति आउंस के स्तर से नीचे आई है।
अमेरिकी अर्थशास्त्रियों द्वारा अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदें देखने से डॉलर निवेश का और आकर्षक निवेश माध्यम बन सकता है, जिससे सोने में निवेश के प्रति निवेशकों का आकर्षण घटने की संभावना है। सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि सोने की कीमतें घटने की वजह से घरेलू बाजार में सोने की मांग में बढ़ोतरी शुरू हो गई है और दीपावली एवं शादी-ब्याह के सीजन से पहले ही लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है।
ऑल इंडिया सर्राफा बाजार के अध्यक्ष शील चंद जैन ने कहा – सोना अपना सामाजिक मूल्य खो रहा है और यह अब विदेशी विनिमय पर अधिक निर्भर है। डॉलर के मूल्य में हर बढ़ोतरी से सोने के प्रति निवेशकों का आकर्षण घटेगा। व्यापारियों का मानना है कि स्टॉकिस्टों एवं जूलरी फैब्रिकेटरों की ओर से मांग घटने की वजह से अगले कुछ दिनों में सोने की कीमतें और घटेंगी।
वैसे भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की मांग काफी तेजी से गिरी है, जो सालाना करीब 800 टन की होती है। बीबीए के मुताबिक, पहली तिमाही में सोने का आयात करीब 50 फीसदी गिरा है। असोसिएशन के मुताबिक, पहली तिमाही में 101 टन सोने का आयात हुआ जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 193 टन सोने का आयात हुआ था।