Edible Oil Import: त्योहारी मांग के कारण बीते महीनों में वनस्पति तेल आयात में सुधार देखने को मिल रहा है। अगस्त और सितंबर महीने के दौरान इनके आयात में तेजी आई है। अगस्त महीने में चालू तेल वर्ष के किसी भी महीने की तुलना में सबसे अधिक वनस्पति तेल आयात हुआ था, इसके बाद अब सितंबर महीने में भी इन तेलों का आयात तेजी से बढ़ा है। हालांकि चालू तेल वर्ष के पहले 11 महीने के दौरान कुल वनस्पति तेलों (vegetable oil) के आयात में गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच, सोयाबीन तेल के आयात में लगातार इजाफा हो रहा है, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात घटा है। आयात शुल्क के दबाव में आरबीडी पामोलीन का आयात रुक गया है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक, तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर से अक्टूबर) की नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान 143.30 लाख टन वनस्पति तेलों (139.82 लाख टन खाद्य तेल और 3.47 लाख टन गैर खाद्य तेल) का आयात हुआ है, जो पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 147.75 लाख टन वनस्पति तेलों (145.35 खाद्य तेल और 2.39 लाख टन गैर खाद्य तेल) के आयात से 3 फीसदी कम है।
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चालू तेल वर्ष के पहले 11 महीने के दौरान कुल वनस्पति तेलों का आयात भले घटा हो, लेकिन अगस्त व सितंबर महीने में त्योहारी मांग के कारण इसके आयात में इजाफा हुआ है। सितंबर में 16.39 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ, जो पिछले साल सितंबर के आयात 10.87 लाख टन की तुलना में 51 फीसदी ज्यादा है। अगस्त महीने में चालू तेल वर्ष के दौरान अब तक किसी भी महीने की तुलना में सबसे ज्यादा 16.77 लाख टन वनस्पति तेल आयात हुआ था और यह जुलाई की तुलना में 7 फीसदी अधिक था।
क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन के बीच आयात शुल्क का अंतर बढ़ने का असर सितंबर महीने में आरबीडी पामोलीन के आयात पर पूरी तरह दिखा। सरकार ने इस साल एक मई से दोनों के बीच आयात शुल्क का अंतर 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 19.25 फीसदी कर दिया था। जिससे जुलाई से आरबीडी पामोलीन के तेल आयात में भारी गिरावट देखी जाने लगी। जुलाई में महज 5,000 टन, अगस्त में 8,000 टन और सितंबर में आरबीडी पामोलीन तेल का बिल्कुल भी आयात नहीं हुआ, जबकि पिछले तेल वर्ष में सितंबर में 84,279 टन आयात हुआ था।
वनस्पति तेलों के कुल आयात में गिरावट के बीच कच्चे सोयाबीन तेल के आयात में वृद्धि देखने को मिल रही है। एसईए के मुताबिक नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान 43.93 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल का आयात हो चुका है, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में 30.98 लाख टन आयात से काफी अधिक है। अगस्त की तुलना में सितंबर में भी आयात बढ़कर 5 लाख टन हो गया, अगस्त में यह आंकड़ा 3.67 लाख टन था। कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात अगस्त के 2.57 लाख टन के मुकाबले सितंबर में बढ़कर 2.72 लाख टन हो गया। लेकिन सालाना आधार पर इसमें गिरावट दर्ज की गई। चालू तेल वर्ष में सितंबर तक 26.22 लाख टन कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात हुआ, पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 32.67 लाख टन था।
आयात शुल्क बढ़ने से रिफाइंड तेलों के आयात में कमी आई है। एसईए के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 की नवंबर-सितंबर अवधि में 9.95 लाख टन रिफाइंड तेलों का आयात हो चुका है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुए 16.95 लाख टन रिफाइंड तेलों से कम है। इस दौरान कच्चे तेलों का कुल आयात भी घटकर 139.82 लाख टन रह गया। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 145.35 लाख टन था। इस बीच, पाम तेलों का आयात पिछले तेल वर्ष की नवंबर-सितंबर अवधि में 81.69 लाख टन आयात की तुलना में इस तेल वर्ष की इसी अवधि में घटकर 69.60 लाख टन रह गया।