वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता के बीच करीब 26 महीने बाद रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई और उसने 2025 की अपनी पूरी बढ़त गंवा दी। चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर जब जवाबी शुल्क लगाया तो वैश्विक व्यापार जंग को लेकर चिंता गहरा गई।
सोमवार को रुपये में 0.6 फीसदी की गिरावट आई जो 6 फरवरी, 2023 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है। आखिरी कारोबारी सत्र के 85.24 प्रति डॉलर के मुकाबले आज रुपया 85.84 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में आज रुपया भी रहा। कारोबार के दौरान फिलिपींस के पेसो में सर्वाधिक 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एक निजी बैंक के डीलर ने कहा, ‘जब तक शुल्कों पर वार्ता होती है, बाजार में उठापटक बने रहने के आसार हैं। भारतीय रिजर्व बैंक कारोबार के शुरुआती घंटों में मौजूद था। हमने कुछ विदेशी बैंकों की बिकवाली भी देखी। मगर प्रमुख स्तर बरकरार रहा और रिजर्व बैंक ने रुपये को 85 के स्तर के करीब बचाए रखा।’
रुपया ने इस साल की अपनी सारी बढ़त को एक ही दिन में गंवा दिया और चालू कैलेंडर वर्ष में अब तक इसमें 0.2 फीसदी की गिरावट आई है। शुक्रवार को रुपया चढ़कर 85 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और इंट्राडे के दौरान यह 84.95 प्रति डॉलर पहुंच गया था। कारोबार के अंत में यह 0.44 फीसदी तक चढ़कर बंद हुआ था।
मार्च में डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई थी जो साल की शुरुआत में निचले स्तर पर पहुंचने के बाद निवेश के कारण थी। यह कैलेंडर वर्ष के सभी नुकसानों से उबर गया था। तब यह 88 प्रति डॉलर के स्तर तक चला गया था।
विदेशी मुद्रा बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि रुपये में कुछ सत्रों तक उतार-चढ़ाव की संभावना है मगर मध्यम अवधि में यह 85.50 प्रति डॉलर के आसपास स्थिर हो सकता है।