facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

सुरक्षित निवेश की मांग से रुपये पर दबाव, डॉलर के मुकाबले 86.75 पर बंद

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, कच्चे तेल और डॉलर इंडेक्स को ट्रैक करते हुए रुपये ने उम्मीद के मुताबिक गिरावट के साथ शुरुआत की।

Last Updated- June 23, 2025 | 9:59 PM IST
rupees dollar

पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोमवार को सुरक्षित निवेश की मांग के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई। डीलरों ने बताया कि शुरुआती कारोबार में स्थानीय मुद्रा 86.86 प्रति डॉलर तक नीचे आ गई लेकिन बाद में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने इसे रोक लिया। रुपया 86.75 डॉलर पर बंद हुआ जबकि पिछली बार यह 86.59 डॉलर पर बंद हुआ था। एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, कच्चे तेल और डॉलर इंडेक्स को ट्रैक करते हुए रुपये ने उम्मीद के मुताबिक गिरावट के साथ शुरुआत की। बाद में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई जिससे कुछ बहाली हुई।

ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें शुक्रवार को 76 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले दिन की शुरुआत में बढ़कर 81.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। लेकिन कारोबारी घंटों के अंत तक यह गिरकर 77.4 डॉलर प्रति बैरल रह गईं। दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स 0.4 फीसदी बढ़कर 99.4 पर पहुंच गया। यह छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें रुपये के लिए बड़ा जोखिम बनी हुई हैं। पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में और उछाल आने से स्थानीय मुद्रा पर दबाव जारी रह सकता है। एक कारोबारी ने कहा, संघर्ष के कारण यह उछाल अस्थायी लग रहा है, लेकिन अगर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रहती है तो रुपये पर कुछ और दबाव देखने को मिलेगा। अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो हम जल्द ही 87 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकते हैं।

इजरायल ने 13 जून से लेकर अब तक ईरान के परमाणु और मिसाइल ढांचे को निशाना बनाते हुए ड्रोन अभियानों के जरिये हजारों हवाई हमले किए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों की झड़ी लगा दी जिसमें इजरायल के सोरोका अस्पताल पर एक प्रमुख सेजिल मिसाइल से हमला शामिल है और जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। 22 जून को संघर्ष तब और बढ़ गया जब अमेरिका ने लड़ाई में प्रवेश किया और फोदो, नतांज और इस्फहान में ईरान की भूमिगत परमाणु सुविधाओं पर बंकर तोड़ने वाले बमों से हमला किया। जवाब में ईरान ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है, जिससे पश्चिम एशिया में बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई हैं।

First Published - June 23, 2025 | 9:56 PM IST

संबंधित पोस्ट