छत्तीसगढ़ सरकार के विरोध के बाद केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक खनन के लिए नीलाम किए जाने वाले खदानों की सूची में संशोधन किया है। अब नीलाम किए जाने वाले खदानों की संख्या 38 रह गई है जो पहले 41 थी।
केंद्र ने वाणिज्यिक खनन और निजी कंपनियों द्वारा बिक्री के लिए जून में कोयले की नीलामी शुरू की थी। विदेशी कंपनियों, गैर खनन कंपनियों और बड़े खनिकों को आकर्षित करने के लिए बोली की शर्तों को उदार बनाया गया था। सरकार ने मई में नीलामी प्रक्रिया को आसान बनाने और महत्त्वपूर्ण निवेशक की रुचि हासिल करने के लिए कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 में संशोधन किया था।
कोविड-19 महामारी के कारण खान की बहुलता वाले राज्यों झारखंड और छत्तीसगढ़ ने नीलामी के समय को लेकर विरोध जताया था। झारखंड सरकार महामारी के समय केंद्र की ओर से कोयले की वाणिज्यिक नीलामी कराने के फैसले के खिलाफ इस पर रोक लगवाने के लिए अदालत भी गई थी। राज्य सरकार का कहना था कि इस समय पर बोली कम आएगी जिससे राज्य को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। कोयला मंत्रालय ने इससे पहले महाराष्ट्र में एक खदान को नीलामी से हटा दिया था। इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि यह बाघ क्षेत्र में पड़ता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा था कि उसके पांच खदान मोर्गा दक्षिण, फतेहपुर, मदनपुर (उत्तर), मोर्गा-2 और सायंग राज्य में हासदेव नदी के निकट परिस्थितिकी तौर पर संवेदनशील क्षेत्र में पड़ता है।
कोयला मंत्रालय ने नीलामी की सूची से अब इन खदानों को हटा दिया है और इनके स्थान पर राज्य से ही तीन और खदानों डोलेसरा, जारेकेला और झारपालम-तांगरघाट को इसमें शामिल किया है। कोयला मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, ‘कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 के तहत नीलामी के 11वें खंड में और एमएमएमडीआर अधिनियम 1957 के पहले खंड में वाणिज्यिक नीलामी के लिए 38 कोयला खदानों को पेश किया जाएगा।’
सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट ने भी अपनी नई रिपोर्ट में इंगित किया, ‘नीलामी के लिए रखे गए 41 ब्लॉकों में से 21 मूल रूप से वर्जित (नो गो) क्षेत्र के थे।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 से कोयला नीलामी के लिए 49 ब्लॉकों को मंजूरी दी गई जिनमें से नौ वर्जित क्षेत्र के थे। वर्जित क्षेत्र से आशय ऐसे अखंडित वन भूमि से है जिसमें 30 फीसदी से अधिक सकल वन कवरेज होता है और 10 फीसदी से अधिक भारित वन कवरेज होता है। वाणिज्यिक खनन और निजी कंपनियों द्वारा बिक्री के लिए कोयला ब्लॉकों की ऑनलाइन नीलामी अक्टूबर में शुरू होगी और नवंबर में इसके अंतिम विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे।