पंजाब में बड़े पैमाने पर आलू बीज की खेती की जाती है। बीज के लिए बेहतर कृषि भूमि होने का दावा करते हुए जालंधर आलू उत्पादक संघ ने मांग की है पंजाब को आलू बीज उत्पादक क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जसविंदर सिंह सांघा ने कहा कि वर्तमान में केंद्रीय आलू शोध संस्थान (सीपीआरआई), शिमला द्वारा तैयार किए गए आलू बीज की आपूर्ति देश भर में की जाती है। लेकिन न केवल पंजाब बल्कि देश के तमाम राज्यों में पंजाब में तैयार कि या गया आलू बीज भेजा जाता है।
उन्होंने कहा कि अगर पंजाब को आलू बीज उत्पादक क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है तो सीपीआरआई द्वारा विकसित किए गए बीजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा और इसकी आपूर्ति पूरे देश में की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आयोजित विश्व आलू कांफ्रेंस में इस तरह का प्रस्ताव भी रखा गया था, जिसे सरकार के प्रतिनिधियों ने सैध्दांतिक सहमति भी दी थी।
साथ ही उन्होंने मांग की कि आलू को खाद्यान्न की श्रेणी में रखा जाना चाहिए, जिस तरह से गेहूं या चावल को रखा जाता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह ने कहा कि आज श्रीलंका और दुबई में ग्लोबलगैप द्वारा प्रमाणित आलू की पहली खेप भेज दी गई है।
उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह में आलू के 101 कंटेनर पंजाब से और भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू भेजने के लिए 400 रुपये प्रति टन और विदेश में आलू भेजने के लिए 1500 रुपये प्रति टन की सब्सिडी दी है, इससे आलू कारोबारियों को बहुत मदद मिलेगी।