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किसानों से 1,75,000 करोड़ रुपये के चावल व कपास खरीद की योजना

Last Updated- December 14, 2022 | 11:00 PM IST

विरोध प्रदर्शन करने वाले पंजाब के 31 किसान संगठनों के साथ केंद्र की प्रस्तावित बैठक से पहले सरकार ने आज दावा किया कि वह अगले कुछ महीनों में देश भर के किसानों से लगभग 1,75,000 करोड़ रुपये की कपास और चावल खरीदने की योजना बना रही है जिसमें से पंजाब और हरियाणा के किसानों से बड़ी मात्रा में खरीद की जाएगी।
एक संवाददाता समेलन में कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय भंडारण के लिए खरीदे गए चावल और गेहूं में हरियाणा के साथ पंजाब का संयुक्त रूप से 40 प्रतिशत योगदान रहता है। संवाददाता समेलन में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सचिव तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन ने भी शिरकत की। अग्रवाल ने एक बार फिर सरकार के उस रुख को दोहराया कि भविष्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहेगी। इस बीच खबर मिली है कि पंजाब के किसान समूह ने बातचीत के लिए केंद्र के निमंत्रण को कथित तौर पर अस्वीकार कर दिया है।
कृषि सचिव का कहना है कि 26 सितंबर से अब तक पंजाब और हरियाणा के लगभग 37,000 किसानों से करीब 15 लाख टन चावल खरीदा जा चुका है और उनके खातों में 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई है। यह पिछले साल की समान अवधि के दौरान की गई धान खरीदे की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।
इस बीच इस खरीद के संबंध में केंद्रीय कृषि एवं खाद्य सचिव ने कहा कि चावल और कपास के अलावा केंद्र सरकार तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश ओर आंध्र प्रदेश आदि राज्यों के किसानों से लगभग 32 लाख टन दलहन, तिलहन और खोपरा खरीद की भी योजना बना रही है।
कपास के मामले में केंद्रीय कपड़ा सचिव का कहना है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) अक्टूबर से शुरू होने वाले 2020-21 के सत्र में किसानों से कपास की 1.25 करोड़ गांठ (1 गांठ = 170 किलोग्राम) खरीदने की योजना बना रहा है जो 2019-20 के सत्र में की गई खरीद के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है।
कपड़ा सचिव रवि कपूर ने कहा कि पिछले साल हमने एमएसपी के रूप में किसानों को लगभग 28,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे, जबकि इस साल हमारी योजना किसानों को लगभग 30,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की है।

First Published - October 7, 2020 | 11:23 PM IST

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