भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून के चार महीने के सत्र में पहले दो महीने मॉनसून की चाल भले ही असमान रही है लेकिन बाकी बचे महीनों में मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग का यह अनुमान खरीफ की बुआई और इसकी पैदावार के लिए भी शुभ है […]
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात जुलाई महीने में बढ़कर 35.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह कम से कम 9 साल का रिकॉर्ड स्तर है। प्रमुख वैश्विक बाजारों में रिकवरी की वजह से बाहरी मांग बढ़ी है, जिसके कारण भारत के निर्यात […]
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इस्पात की मांग में हो रहे सुधार और अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले घरेलू बाजार में इस्पात की कीमतों में काफी नरमी के मद्देनजर प्राथमिक इस्पात उत्पादक कंपनियां अगस्त में कीमतें बढ़ा सकती हैं। एएम/एनएस इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हम कीमतों में 1,000 से 2,000 रुपये प्रति टन […]
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खुदरा और कृषि में ऋण वृद्घि जून, 2021 में सालाना आधार पर अधिक तेज गति से आगे बढ़ी। इससे राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में धीरे धीरे ढील देने के बाद आर्थिक गतिविधि में उछाल के संकेत मिलते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक हालांकि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में ऋण वृद्घि जून महीने में सुस्त […]
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देश में जून से शुरू अपनी 4 महीने की यात्रा में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून अब आधी दूरी तय कर चुका है। खरीफ की बुआई गति पकड़ चुकी है। व्यापक उतार चढ़ाव के बाद मध्य, पश्चिमी और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून सक्रिय हो गया है और बारिश हो रही है। फसलों की बुआई के हाल के […]
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विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार, लॉकडाउन के बावजूद और पूर्ववर्ती वर्ष में न्यून आधार की मदद से भारत में सोने की मांग 19.2 प्रतिशत बढ़कर कैलेंडर वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में 76.1 टन पर पहुंच गई। हालांकि वैश्विक स्तर पर यह मांग पूर्ववर्ती वर्ष के 960.5 टन के मुकाबले मामूली घटकर 955.1 टन […]
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देसी कारोबारियों ने पहली बार शिपमेंट के 5 महीने पहले चीनी निर्यात के सौदे किए हैं। ब्राजील में चीनी के उत्पादन में गिरावट की संभावना से खरीदारों को दक्षिण एशिया के देश से अग्रिम में आपूर्ति सुनिश्चित करना पड़ा है। कारोबार से जुड़े 5 सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी। विश्व के सबसे बड़े […]
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महामारी से पैदा मंदी से बाहर निकलने के लिए दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने कम निवेश वाले बुनियादी ढांचा क्षेत्र में इतनी रकम लगा दी कि धातुएं कुलांचे भरने लगीं। कार्बन उत्सर्जन घटाने के संकल्प ने उनकी रफ्तार और बढ़ा दी, जिससे धातुओं की इतनी मांग पैदा हो गई है, जितनी पिछले कई साल में […]
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कोविड-19 की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर के दौरान स्वर्ण बॉन्डों की बिक्री काफी ऊंची रही। हालांकि दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन संबंधित कम सख्ती बरती गई। इससे इस निवेश विकल्प की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत मिलता है। पहली लहर में, लॉकडाउन देशव्यापी और बेहद सख्त था। इसके परिणामस्वरूप, आभूषण दुकानें और ई-कॉमर्स वेबसाइटों […]
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विद्युत अधिनियम में महज संशोधन कर देने से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्तिकर्ता को चुनने का विकल्प नहीं मिलने वाला है। विभिन्न राज्यों में कई विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का अभाव, डिस्कॉम के निजीकरण को लेकर कम दिलचस्पी और व्यापक नियमों का नहीं होना एक गतिशील विद्युत खुदरा बाजार के रास्ते की कुछ अहम रुकावटें हैं। […]
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