केंद्र सरकार ने आज कहा कि विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए जाते समय उन पर आने वाले बीमा प्रीमियम और विपणन एवं परिवहन शुल्क आदि खर्चों का भी ध्यान रखा जाएगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यह फैसला किया। बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) एमएसपी तय करते समय इन खर्चों के बारे में भी ध्यान रखेगा।
आयोग एक परामर्श संस्था है, जो खरीफ और रबी सत्रों में पैदा होने वाली 20 से अधिक फसलों के एमएसपी की सिफारिश करता है। गृह मंत्री ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एमएसपी तय करने के प्रक्रियात्मक मुद्दों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति का गठन प्रोफेसर वाई के अलग की अध्यक्षता में 7 मई 2003 को किया गया था। समिति ने अपनी रपट 31 मई 2005 को सौंपी थी। चिदंबरम ने कहा कि यह मुद्दा पिछले चार साल से चल रहा है।
विशेषज्ञ समिति की रपट पर विचार किया गया ओर उसकी सिफारिशों के अनुरूप एमएसपी तय करने की रूपरेखा को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंजूरी दी।
समिति में यह भी तय किया गया कि मौजूदा सर्वे कार्यक्रम और लागत अध्ययनों पर विचार करने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा, जो वर्तमान सर्वे कार्यक्रमों के मुताबिक कीमतों के बारे में अध्ययन करेगी और अगर जरूरी हुआ तो उसमें सुधार भी करेगी।
चुनावी साल में चेती सरकार
एमएसपी मामले में विशेषज्ञ समिति के फैसलों को मिली मंत्रिमंडल की मंजूरी
बीमा प्रीमियम, विपणन, परिवहन शुल्क आदि का रखा जाएगा ध्यान