पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन और विपक्षी दलों के वार का जवाब देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए कई घोषणाएं की। जिनमें राज्य के धान किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का बोनस, आत्महत्या रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन, राज्य में पहली बार प्याज महाबैंक की स्थापना शामिल है।
राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ साल में राज्य के किसानों के बीच रिकॉर्ड 44 हजार 278 करोड़ रुपये की सहायता दी और आगे भी सूखा, अतिवृष्टि, बेमौसम बारिश, बाढ़ और ओला जैसी हर प्राकृतिक आपदा में राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।
किसानों के मुद्दों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहा कि पिछले डेढ़ साल में हमने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को 44 हजार 278 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड सहायता प्रदान की है। छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना के तहत 4.4 लाख किसानों को 18 हजार 762 करोड़ रुपये की कर्ज माफी का लाभ दिया गया है। इसके साथ ही किसानों को इस वर्ष प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का बोनस की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं । जुलाई 2022 से यानी पिछले 18 महीनों में हम किसानों के लिए पर्याप्त धनराशि निधि खर्च कर रहे हैं, राहत और पुनर्वास विभाग के माध्यम से 14 हजार 891 करोड़ रुपये, कृषि विभाग के माध्यम से 15 हजार 40 करोड़ रुपये, सहकार विभाग की ओर से 5 हजार 190 करोड़ रुपए,पणन विभाग की ओर से 5 हजार 114 कोटी रुपये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति पर 3 हजार 800 करोड़ रुपए, पशुपालन पर 243 करोड़ रुपए खर्च किसानों पर खर्च किए जा रहे है ।
राज्य में किसान आत्महत्या एक बड़ी समस्या है। किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया जाएगा। यह टास्क फोर्स राज्य में कृषि को फायदेमंद बनाने के लिए उठाए जाने वाले कार्यों पर चर्चा करेगी, साथ ही कृषि उत्पादन को बढ़ाने क्या किया जा सकता है इस पर विचार करेगी और बेमौसम बारिश, सूखा या प्राकृतिक आपदा से फसलों को कैसे बचाया जाए ताकि किसानों को नुकसान न हो , इस पर काम करेगी।
प्राथमिक अनुमान के अनुसार राज्य में बेमौसम बारिश के कारण 9.75 लाख हेक्टेयर फसल बरबाद हो गई और प्रभावित किसानों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छह जिलों में फसल क्षति का आकलन लंबित है और उन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, कुछ किसानों को आज मुआवजे के चेक दिए गए। शेष किसानों को मुआवजे की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। नवंबर के अंत में राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश हुई, जिससे फसलों, फलों और सब्जियों को नुकसान हुआ।
महाराष्ट्र में पहली बार प्याज़ किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्याज महाबैंक की स्थापना की गई है। इस परियोजना की शुरुआत कर दी गई। इसके लिए वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक डॉ अनिल काकोडकर मदद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि परमाणु प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्याज विकिरण की यह पायलट परियोजना प्याज उत्पादकों की समस्याओं का स्थायी समाधान होगी, समृद्धि राजमार्ग के किनारे 13 कृषि समृद्धि केंद्रों का निर्माण चल रहा है । प्याज निर्यात प्रतिबंध को लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत हुई है और जल्द ही कोई समाधान निकाला जाएगा।