facebookmetapixel
शेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयकपीएम मोदी ने असम को दी ₹6,300 करोड़ की स्वास्थ्य और इन्फ्रा परियोजनाओं की सौगातUP: कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना उत्तर प्रदेश का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टेMCap: बाजाज फाइनेंस की मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त, 8 कंपनियों का कुल मूल्य ₹1.69 ट्रिलियन बढ़ाMarket Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचलPower of ₹10,000 SIP: बाजार के पीक पर जिसने शुरू किया, वही बना ज्यादा अमीर!थाईलैंड में बढ़ा निवेशकों का भरोसा, इंडोनेशिया से तेजी से निकल रही पूंजी15 सितंबर को वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट देगा अंतरिम आदेशAmazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?

पाबंदी की आशंका से सहमे तेल व्यापारी

Last Updated- December 05, 2022 | 7:02 PM IST

खाद्य तेलों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगने की आशंका से सहमे व्यापारियों ने सोया तेल सोयाबीन और सरसों के वायदा सौदों का निपटान शुरू कर दिया है।


कार्वी कमोडिटी ट्रेड के एक विश्लेषक ने बताया कि व्यापारी रिफाइंड सोया तेल, सोयाबीन और सरसों में लंबी अवधि के सौदों को निपटा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि सरकार खाद्य तेलों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी तीनों जिंसों की कीमतों में मामूली सुधार के बावजूद कारोबार में व्यापारियों की हिस्सेदारी सुस्त रही।


गुरुवार को एनसीडीईएक्स में अप्रैल डिलिवरी के लिए सोया तेल की कीमत 1.57 फीसदी बढ़कर 553.40 रुपये प्रति 10 किलो, सोयाबीन का भाव 1.12 फीसदी बढ़कर 2 073 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों का भाव 0.88 फीसदी बढ़कर 529 रुपये प्रति बीस किलो पर रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी का रुख से घरेलू बाजार में इन जिंसों के वायदा भाव में सुधार दर्ज किया गया।


वहीं सरकार द्वारा सभी खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा से शिकागो बोर्ड आफ ट्रेड (सीबीओटी) में भी सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुख रहा। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि सीबीओटी व्यापारी इस उम्मीद में लिवाली कर रहे हैं कि शुल्क कटौती के बाद भारत से खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी। हालांकि इधर घरेलू व्यापारी इन तीन जिंसों के वायदा कारोबार में बिल्कुल रुचि नहीं ले रहे हैं।

First Published - April 4, 2008 | 12:16 AM IST

संबंधित पोस्ट