नुमालीगढ़ रिफाइनरी (एनआरएल) इस समय पेट्रोल पंपों के माध्यम से ईंधन के खुदरा कारोबार में फिर से कदम रखने का मूल्यांकन कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन में हिस्सेदारी बेचने के फैसले के बाद इस पर विचार किया जा रहा है। हाल ही में एनआरएल में बीपीसीएल की हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल इंडिया (ओआईएल) और इंजीनियर्स इंडिया (ईआईएल) ने ले ली थी।
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘प्रवर्तक बदल गए हैं और ओआईएल ईंधन के खुदरा कारोबार में नहीं है, ऐसे में ईंधन के खुदरा कारोबार में हमारे फिर से उतरने के लिए बेहतर मौका है। इस समय संभवत: हम तमाम खुदरा आउटलेट नहीं खोल पाएंगे, लेकिन कुछ रणनीतिक आउटलेट हो सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘ग्राहकों के पास विकल्प होगा कि वे पेट्रोल पंप पर आकर तेल लें या ईंधन की डोर टु डोर डिलिवरी का विकल्प चुनें। हम खुदरा दुकानों की संख्या के बारे में कुछ ठोस नहीं कह सकते, लेकिन अब हम ऐसा करेंगे। यह हमारी आगे की तार्किक राह है।’ अधिकारियों का कहना है कि एनआरएल को 2004 से ही देश में 510 पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति है। बहरहाल जब 2008 और 2009 में कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे थे और सब्सिडी के माध्यम से पेट्रोल व डीजल के दाम नियमन के तहत थे। उस समय एनआरएल का तेल विपणन कंपनी के रूप में श्रेणीकरण नहीं हुआ था और उसे घटे दाम पर तेल बेचने से भारी घाटा हुआ। उसके बाद उसने अपने पेट्रोल पंप बीपीसीएल को दे दिए थे।