वैश्विक स्तर पर धातुओं की कीमतों में कमी आने के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने आज से अपने तांबा उत्पादों के दाम 2 फीसदी बढ़ा दिए हैं।
कंपनी का यह कदम हैरान करने वाला है क्योंकि सरकार एक तरफ तो महंगाई को काबू में करने के लिए प्रयास कर रही है, और दूसरी ओर एक सरकारी कंपनी अपने उत्पादों की कीमत बढ़ा रही है।
गौरतलब है कि बुनियादी ढांचे की जो परियोजनाएं हैं उनमें तांबे का 2 से 5 फीसदी तक उपयोग होता है दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को बनाने में भी 5 से 10 फीसदी तक तांबे का उपयोग होता है। ऐसे में तांबे की कीमतों में जरा सी भी बढोतरी सरकार की महंगाई रोकने की कवायद को कमजोर ही करेगी। कीमत में मौजूदा संशोधन के बाद 8 मिलीमीटर व्यास वाले स्टैंडर्ड रॉड की कीमत 3.651 लाख रुपये प्रति टन हो गयी है।
वहीं समाना व्यास वाले नॉन स्टैंडर्ड रॉड का भाव 3.648 लाख रुपये प्रति टन हो गया है। इसी प्रकार, 11 से 16 मिलीमीटर व्यास वाले रॉड की कीमत 3.668 लाख रुपये प्रति टन तक पहुंच चुका है। कीमत में मौजूदा बढाेतरी से कॉपर कैथोड फुल का भाव 3.611 लाख रुपये प्रति टन जबकि कॉपर कैथोड कट का 3.625 लाख रुपये हो चुका है। इस तरह, अप्रैल में 8 मिलीमीटर व्यास वाले स्टैंडर्ड और नॉन स्टैंडर्ड की कीमत में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
हर महीने के पहले दिन घरेलू तांबा कंपनियां चालू और पिछले महीने के लिए प्रोविजनल और अंतिम कीमतों को निर्धारित करती हैं। वहीं अप्रैल महीने में लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई)में तांबे की कीमतें चढ़ने पर ही रहीं। इस दौरान कीमतों में 4 फीसदी की तेजी आई और इसमें 330 डॉलर का इजाफा होकर कीमतें 8655 डॉलर प्रति टन हो गईं।
इसके बाद इसमंम गिरावट देखने को मिली और लंदन मेटल एक्सचेंज में इसकी कीमतों में पिछले दो दिनों में 450 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। यहां तांबे की कीमत घटकर 8210 रुपये प्रति टन हो गई हैं।
लंदन मेटल एक्सचेंज में इसके स्टॉक में 1700 टन की कमी आई है और यह घटकर 1,09,000 टन रह गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट के क्षेत्र में जो तेजी आ रही है, उसके चलते तांबे की मांग में और तेजी आ सकती है।