अब चाय का कारोबार ई-नीलामी के जरिए होने जा रहा है। केंद्रीय वाणिज्य और ऊर्जा राज्य मंत्री जयराम रमेश के अनुसार आगामी नवंबर माह के मध्य से इसकी शुरुआत की जा रही है।
कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसियशन (सीटीटीए) के सालाना जलसे में भाग लेते हुए रमेश ने ये बातें कही। जयराम रमेश ने बताया कि चाय उद्योग को आपूर्ति और वितरण की औपनिवेशिक व्यवस्था से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में ई-नीलामी के जरिए इस व्यवस्था को खत्म किया जा सकेगा।
अब तक की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था में चाय बागान से प्याले तक चाय को पहुंचाने के लिए 5 से 6 सतहें होती हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्य का मात्र 40 फीसदी ही इसके उत्पादकों के बीच लौट कर आ पाता है। पर, दूध के मामले में तो वास्तविक मूल्य की 85 फीसदी रकम उसके ग्राहकों को मिल जाती है। जयराम रमेश के अनुसार, ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद कम-से-कम आपूर्ति की इतनी सतहों में से दो सतहें खत्म हो जाएंगी।
टी बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन बासुदेब बनर्जी ने बताया कि ई-नीलामी की यह व्यवस्था नियामक व्यवस्था में मौजूद खामियों को दूर तो करेगी ही, उनकी मदद भी करेगी। सीटीटीए के चेयरमैन अजीम मोनेम ने बताया कि इस नीलामी के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर का प्रदर्शन सितंबर 2008 में किया जाएगा, जबकि इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों और ग्राहकों को सितंबर से अक्टूबर के बीच ट्रेनिंग दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि नीलामी की यह प्रक्रिया ग्राहकों के लिए यूजर फ्रेंडली रहा तो निश्चित तौर पर कारोबारी खर्च में कमी होगी और प्रति मिनट अधिक से अधिक उत्पाद को बेचने की अनुमति दी जाएगी। पर सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि इस प्रक्रिया में छोटे और बड़े हर तरह के कारोबारी शरीक हो सकते हैं जबकि कीमतों के मामले में यह काफी साफ-सुथरी व्यवस्था होगी। जानकारों का मानना है कि इसकी कई खूबियों की वजह से ई-नीलामी के जरिए चाय के कारोबार का भविष्य काफी बढ़िया दिख रहा है।