नैनो यूरिया लिक्विड के बाद अब उत्तर प्रदेश में नैनो डीएपी लिक्विड उर्वरक का भी उत्पादन शुरू हो गया है। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर्स कारपोरेशन (इफ्को) ने बरेली जिले के आंवला में मोजूद अपने संयंत्र में इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। इफ्को की आंवला इकाई उत्तर प्रदेश में नैनो यूरिया व डीएपी के लिक्विड उर्वरक का उत्पादन करने वाला पहला संयंत्र है। आंवला संयंत्र में अब नैनो यूरिया प्लस लिक्विड उर्वरक और डीएपी लिक्विड उर्वरक साथ -साथ बनेंगे। इफ्को के प्रयागराज स्थित फूलपुर संयंत्र में भी नैनो डीएपी लिक्विड उर्वरक का उत्पाद शुरु किया गया है।
इन दोनो इकाइयों की क्षमता प्रतिदिन दो-दो लाख लीटर नैनो डीएपी लिक्विड उर्वरक उत्पादन की है। लिक्विड नैनो डीएपी 500 मिलीलीटर की बोतल में उपलब्ध होगी और किसानों के लिए प्रयोग में आसान रहेगी। गौरतलब है कि नैनो लिक्विड डीएपी की कमी के चलते अभी तक प्रदेश में किसानों को एक बोरी डीएपी के साथ 500 मिली की बोतल दी जा रही थी जिसका खर्च ज्यादा होता था। वहीं नैनो लिक्विड डीएपी की आधा लीटर की बोतल कई किलो खाद के विकल्प के तौर पर बेहतर परिणाम देती है।
आंवला संयंत्र में 8 फीसदी नाइट्रोजन और 16 फीसदी फॉस्फोरस युक्त नैनो डीएपी तरल उर्वरक का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादन की शुरुआत होने पर आंवला इकाई प्रमुख वरिष्ठ महाप्रबंधक सत्यजित प्रधान ने कहा कि इफको के प्रबंध निदेशक डा0 उदय शंकर अवस्थी जी की नेतृत्व में महत्वकांक्षी परियोजना डीएपी लिक्विड उर्वरक का क्रियान्वयन किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक नैनो आंवला संयंत्र में नैनो यूरिया तरल उर्वरक का उत्पादन हो रहा था।
प्रधान ने कहा कि किसानों के लिए धान की फसल की रोपाई से पूर्व डीएपी तरल उर्वरक उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि इफको आंवला नैनो संयंत्र में तैयार डीएपी तरल उर्वरक कृषि और उर्वरक के क्षेत्र में किसानों को समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बनायेगी। नैनो संयंत्र के महाप्रबंधक मुकेश खेतान ने बताया कि देश में इफको डीएपी लिक्विड उर्वरक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा।