बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरों के बीच उत्तर प्रदेश में मुर्गे की मांग बुरी तरह से गिर गई है जबकि मटन और मछली की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। बीते एक सप्ताह में ही प्रदेश में मटन-मछली की मांग में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। कारोबारियों के मुताबिक मछली की कमी को देखते हुए ज्यादातर ऑर्डर आंध्र प्रदेश और उड़ीसा को दिए जा रहे हैं।
पिछले तीन दिन में ही राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी बड़े शहरों में मटन के दाम 50 से 80 रुपये बढ़ गए हैं। अगले सप्ताह से शुरु होने वाले सहालग में इनके दामों में और भी तेजी आने की संभावना है। कारोबारियों का कहना है कि लखनऊ में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच मुर्गे की मांग कम होने लगी है। इस बीच नॉनवेज के शौकीनों ने मछली और मटन का रुख कर लिया है। मांग बढऩे से मछली के दाम में 30 से 40 रुपये और मटन के दाम करीब 50 से 80 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं। जनवरी के पहले दो हफ्तों में ही प्रदेश में चिकन कारोबार में 50 फीसदी की गिरावट आयी है।
मांसाहारी व्यंजन बेचने वालों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत मटन और मछली की आपूर्ति की हो रही है। उनका कहना है कि अचानक से 30 फीसदी तक मांग बढऩे के चलते आपूर्ति का संकट खड़ा हुआ है और सहालग शुरु होते ही यह और बढ़ेगा। प्रदेश में आने वाले दिनों की दिक्कत को देखते हुए मछली के थोक ऑर्डर आंध्र प्रदेश में दिए जाने लगे हैं। मटन के मामले में कारोबारियों का कहना है कि आपूर्ति का संकट पहले से चल रहा है और इसी के चलते अब दाम खासे तेज होने लगे हैं।
दुबग्गा मछली मंडी के कारोबारी बताते हैं कि 130 रुपये किलो वाली मछली 150 और 250 रुपये किलो वाली मछली 300 रुपये में बिक रही है। आमतौर पर रात सात बजे तक चलने वाले फुटकर बाजारों में सारा माल छह बजे ही खत्म हो जा रहा है। दुबग्गा की थोक मंडी में मछली की बिक्री 20 से 25 फीसदी बढ़ गई है। हालात यह है कि कारोबारी बंगाल और आंध्र प्रदेश से माल मंगाने के लिए 15 दिन एडवांस में ऑर्डर भेज रहे हैं।
दिल्ली में लगी रोक
राष्ट्रीय राजधानी में बर्ड फ्लू की स्थिति को देखते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दुकानों और रेस्तराओं के पोल्ट्री या प्रसंस्कृत चिकन बेचने तथा रखने पर बुधवार को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। बर्ड फ्लू के खतरे के बीच दिल्ली सरकार ने कहा कि पके हुए पोल्ट्री उत्पाद ही खाएं।