वैश्विक मंदी का असर चूने पत्थर (लाइम स्टोन) के कारोबार पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ महीनों में इसके लदान में लगातार कमी हुई है।
राजस्थान के जैसलमेर जिले के सोनू लाइम स्टोन क्षेत्र में बड़ी संख्या में चूने पत्थर की खदानें हैं, जहां से हर साल लाखों टन माल इस्पात इकाइयों में जाता है।
लाइम स्टोन कारोबारियों के मुताबिक, इस्पात उद्योग पर विश्वव्यापी मंदी के चलते यहां से लाइम स्टोन की लदान में भारी कमी आई है।
पहले जहां एक माह में 60 से 65 रैक का लदान हो जाता था, पर अब यह घटकर 30 से 35 रैक पर आ गया है।
स्थानीय ट्रक यूनियन के भगवान सिंह ने बताया कि यहां से 70 प्रतिशत चूना पत्थर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) को होती है।
शेष 30 प्रतिशत आधा दर्जन अन्य कंपनियों को जाता है, जिसमें टाटा स्टील भी शामिल हैं। लाइम स्टोन की लदान की वजह से जोधपुर रेलवे जोन की कमाई भी प्रभावित हो रही है। यह रेलवे जोन कमाई में अग्रणी रहता आया है।
अनुमान है कि जोन को इससे प्रतिवर्ष 300 करोड़ रुपये की आय होती है, जो इस बार घट सकती है। सूत्रों ने बताया कि यहां से स्टील कंपनियों को हर साल 20 से 25 लाख टन लाइम स्टोन सप्लाई किया जाता है।
जमशेदपुर, राउरकेला, भिलाई, बरनपुर आदि स्थानों पर सेल, टाटा स्टील ,इस्को, जिंदल आदि कंपनियां यहां के लाइम स्टोन के बड़े खरीदार हैं।