सरकारी तेल शोधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने आज कहा कि नवंबर महीने में उसके तेल शोधन संयंत्रों में कच्चे तेल की शोधन क्षमता का 100 प्रतिशत उपयोग हो रहा है, क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों की मांग कोविड के पहले के स्तर पर आ गई है।
आईओसी ने एक बयान में कहा है, ‘सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गई है।’ इसमें कहा गया है कि आईओसी की तेल शोधन क्षमता का उपयोग अक्टूबर में 88 प्रतिशत था, और नवंबर 2019 में इसका उपयोग 99 प्रतिशत था।
आईओसी ने पाया है कि पेट्रोल की मांग अब पिछले साल से ज्यादा है। आईओसी ने कहा कि नवंबर में पेट्रोल की बिक्री 10.6 लाख टन थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत ज्यादा है। तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की मांग पिछले साल की तुलना में 1.4 प्रतिशत ज्यादा है।
आईओसी के चेयरमैन एसएम वैद्य को उम्मीद है कि पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में वी आकार की रिकवरी होगी। उन्होंने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार के संकेत मिल रहे हैं। अब हम कोविड-19 की वैक्सीन के करीब हैं, अर्थव्यवस्था की मूल धारणा मजबूत है, ऐसे में हम कुल मिलाकर पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में वी आकार की रिकवरी देखेंगे।’
डीजल की मांग में पिछले साल की तुलना में गिरावट जारी है। आईओसी ने कहा कि नवंबर में डीजल की मांग पिछले महीने से 2 प्रतिशत बढ़ी है, लेकिन यह अभी भी पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। हवाई यात्रा सीमित होने के कारण नवंबर में विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग भी कम रही, जिसमें पिछले महीने से 4 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पिछले साल नवंबर की तुलना में मांग 45 प्रतिशत कम है।
इस साल मार्च महीने में देशबंदी और औद्योगिक गतिविधियां व यात्राएं ठप पड़ जाने की वजह से पेट्रोलियम के उत्पादों में भारी गिरावट आई थी। इसकी वजह से तेल शोधन संयंत्रों को उत्पादन में कटौती करनी पड़ी थी।
