facebookmetapixel
ऋण घटाने की दिशा में अस्पष्ट नीति आर्थिक प्रगति पर पड़ सकती है भारीमहिलाओं को नकदी हस्तांतरण, बढ़ते खर्च राज्यों के लिए बड़ी चुनौतीभारत के प्रति निवेशकों का ठंडा रुख हो सकता है विपरीत सकारात्मक संकेतभारतीय मूल के जोहरान ममदानी होंगे न्यूयॉर्क के मेयरश्रद्धांजलि: गोपीचंद हिंदुजा का जज्बा और विरासत हमेशा रहेंगे यादहरियाणा में हुई थी 25 लाख वोटों की चोरी : राहुल गांधीBihar Elections 2025: भाकपा माले की साख दांव पर, पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौतीक्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति की साक्षी बनेगी अमरावती, निवेशकों की रुचि बढ़ीरेवेन्यू का एक बड़ा अहम कारक है AI, Q2 में मुनाफा 21 करोड़ रुपये : विजय शेखर शर्मामौसम का कितना सटीक अनुमान लगा पाएगी AI? मॉडल तैयार करने की कोशिश, लेकिन पूर्ण भरोसा अभी दूर

रुपया 86 के पार टूटा, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और पश्चिम एशिया तनाव का असर

डॉलर के मुकाबले रुपया 86 के पार गिरा, पश्चिम एशिया में तनाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से मुद्रा कमजोर हुई, RBI ने बाजार में हस्तक्षेप कर गिरावट रोकने की कोशिश की।

Last Updated- June 13, 2025 | 11:07 PM IST
rupees Dollar
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को तेजी से टूटकर 86 रुपये के पार चला गया। यह 9 अप्रैल के बाद इस साल में दो महीने का निचला स्तर है। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से रुपये में गिरावट आई है। स्थानीय मुद्रा 49 पैसे कमजोर होकर 86.09 प्रति डॉलर पर बंद हुई। एक दिन पहले यह 85.60 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी। दिन के कारोबार के दौरान रुपया 0.65 फीसदी तक गिरकर 86.20 प्रति डॉलर पर चला गया था। डीलरों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संभवतः डॉलर की बिकवाली के माध्यम से विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, जिससे आगे की गिरावट पर अंकुश लगा।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, भू-राजनीतिक तनावों के कारण कमजोर शुरुआत की आशंका थी। उन्होंने कहा, आरबीआई ने हस्तक्षेप किया, जिससे यह छ समय के लिए 85.95 के स्तर पर पहुंच गया। कुछ हल्की आवक भी हुई। 

Also Read: ईरान पर इजरायल के हमले के बाद शेयर बाजार में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी

पश्चिमी एशियाई के दो देशों के बीच तब तनाव बढ़ गया जब इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि इस अभियान ने ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम को निशाना बनाया और उसकी परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल की पहल से जुड़े प्रमुख लोगों को भी निशाने पर लिया। 

आईएफए ग्लोबल ने एक नोट में कहा, आज भारतीय रुपया तेजी से कमजोर हुआ और 86 डॉलर के स्तर को पार कर गया। इसकी वजह कच्चे तेल की कीमतों में अचानक आई उछाल और ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद भू-राजनीतिक तनाव का बढ़ना है। ब्रेंट क्रूड में इंट्राडे में 11 फीसदी से अधिक की उछाल आई, जिससे भारत के आयात बिल, मुद्रास्फीति के रुख और चालू खाते के घाटे को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 11 फीसदी से अधिक बढ़कर 78.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं जो चार महीनों में सबसे ज्यादा है।

Also Read:  सोना एक लाख के पार, चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड; निवेशकों में बढ़ा उत्साह

एशिया की मुद्राओं में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा जो डॉलर के मुकाबले 0.57 फीसदी टूटा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, निकट भविष्य में बाजार का ध्यान सप्ताहांत में होने वाले भू-राजनीतिक घटनाक्रम और अगले सप्ताह तीन प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति के फैसलों पर रहेगा।

चालू महीने में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में से एक है, जिसमें अब तक 0.6 फीसदी की गिरावट आ गई है। इस कैलेंडर वर्ष में घरेलू मुद्रा में डॉलर के मुकाबले अब तक 0.5 फीसदी की गिरावट आई है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसमें अब तक 0.7 फीसदी की नरमी दर्ज हुई है।

Also Read: ईरान पर इजरायल के हमले के बाद शेयर बाजार में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी

इस बीच, आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 6 जून को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई जो विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी के कारण हुई। विदेशी मुद्रा का कुल भंडार 697 अरब डॉलर रहा जो 4 अक्टूबर 2024 को समाप्त सप्ताह के बाद सबसे अधिक है। तब भंडार 701 अरब डॉलर था। सितंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में भंडार 705 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। 

First Published - June 13, 2025 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट