facebookmetapixel
MCap: TCS के दम पर 8 बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप में ₹1.94 ट्रिलियन की छलांगMarket Outlook: अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद और महंगाई डेटा से तय होगी शेयर बाजार की चालअब ChatGPT से कर सकेंगे शॉपिंग, UPI पेमेंट भी होगा तुरंत; जानें इस नए खास फीचर के बारे मेंDiwali Shopping: त्योहारों की खरीदारी? SBI के ये कार्ड देंगे बचत, कैशबैक और रिवॉर्ड्स; जानें डीटेल्सPakistan-Afghanistan War: पाक-अफगान सीमा पर फायरिंग से तनाव बढ़ा, कई चौकियां तबाहTata Capital IPO vs LG IPO: अगले हफ्ते होगी साल के दो सबसे बड़े IPO की लिस्टिंग, क्या नया रिकॉर्ड बनाएंगे टाटा और एलजी?60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?

बेहतर पैदावार से ग्वार व इसके उत्पाद हुए सस्ते

Last Updated- December 08, 2022 | 1:46 AM IST

मौजूदा सीजन में ग्वार उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद के चलते बाजार में ग्वार की कीमतों में कमी का अनुमान है। राजस्थान के कारोबारियों ने ये अनुमान लगाए हैं।


वैसे पहले से ही ग्वार के अगले महीने के वायदा अनुबंध का भाव 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे चल रहा है। घरेलू बाजार में ग्वार की कम मांग और विदेशी बाजारों से सामान्य खपत के कारण ग्वार बीजों और ग्वारगम की कीमतों में तेजी नहीं हो रही है।

जुलाई-अगस्त में ग्वार की बुआई के समय कमोडिटी मामलों के जानकारों का कहना था कि ग्वार बीजों के कारोबार में तेजी जारी रहेगी। जानकारों का तो यहां तक कहना था कि कीमतें कभी भी 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे नहीं आएगी। बहरहाल, मौजूदा हालात नरमी के संकेत दे रहे हैं।

ग्वार के मुख्य उत्पादक क्षेत्र जैसे राजस्थान में कम बारिश की उम्मीद के चलते ग्वार के उत्पादन सीमित रहने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में अच्छी बारिश होने से ग्वार का उत्पादन पिछले साल के 75 हजार टन की तुलना में इस साल करीब एक लाख टन होने का अनुमान व्यक्त किया गया।

कमोडिटी विश्लेषकों के मुताबिक, उत्पादन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने से ग्वारबीजों की कीमतों में कमी आई है। एग्रीवाच कमोडिटीज के एक विश्लेषक ने बताया कि इसकी कीमतों में अभी और कमी होगी। उम्मीद है कि कीमतें 100 रुपये नीचे गिरकर 1,380 रुपये प्रति क्विंटल तक चली जाएगी। ग्वारगम के मुख्य उत्पादों जैसे-चूरी और कुर्मा की मांग मुख्यत: खाड़ी के देशों से हुआ करती है।

First Published - October 29, 2008 | 10:44 PM IST

संबंधित पोस्ट