लगातार आसमान छूती कीमतों पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से सरकार ने अप्रैल और मई के लिए ढाई-ढाई लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की है।
इसके साथ ही जून महीने के लिए 1 लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी करने का फैसला किया गया है। खुले बाजार में बिक्री के लिए 6,00,000 टन अतिरिक्त चीनी जारी किए जाने के फैसले के बाद आज हाजिर और वायदा बाजार में चीनी की कीमतों में क्रमश: 3.7 और 1.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
इस फैसले के बाद वर्तमान तिमाही में चीनी का आवंटन 60 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल की समान तिमाही में 52 लाख टन चीनी का आवंटन किया गया था। अब चीनी का नया मासिक आवंटन अप्रैल, मई और जून के लिए क्रमश: 220, 210 और 170 लाख टन हो गया है।
चीनी मिलों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे नए आदेश के मुताबिक चीनी जारी करें। अगर चीनी की बिक्री करने में असफलता मिलती है, तो उसे लेवी शुगर मान लिया जाएगा और उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत बेचा जाएगा।
खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार ने चीनी मिलों के चीनी स्टॉक पर भी लगातार नजर रखेगी, जिससे जारी की जाने वाली चीनी की मात्रा पर नजर रखी जा सके और बाजार में चीनी की आपूर्ति को सरल बनाया जा सके।’
इस समय चुनाव का माहौल है। इसके साथ ही थोक मूल्य सूचकांक में चीनी का भारांक 3.62 प्रतिशत है। इसे देखते हुए सरकार चीनी के दाम के मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।
चीनी के उत्पादन में गिरावट की खबरों के बीच अक्टूबर के बाद से कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई और पिछले साल अक्टूबर के बाद से इसमें 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ खुदरा बाजार में चीनी 28 रुपये प्रति किलो बिकने लगी। सरकार के इस फैसले से देश में कई स्थानों पर चीनी की कीमतों में 15-60 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में आज गिरावट दर्ज की गई।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के हालिया अनुमानों के मुताबिक देश के कुल चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आएगी। इस साल पिछले चार साल की तुलना में सबसे कम, 145 लाख टन उत्पादन रहने के आसार हैं।
पिछले साल चीनी का कुल उत्पादन 265 लाख टन था, जिसकी तुलना में इस साल 45 प्रतिशत की गिरावट आई है। उत्पादन में इस कमी की प्रमुख वजह कम क्षेत्रफल में गन्ने की बुआई और रिकवरी में कमी है।
अतिरिक्त चीनी जारी किए जाने के ताजा फैसले के अलावा सरकार ने अन्य कदम भी उठाए हैं, जिससे कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। इसमें शुल्क रहित चीनी का आयात, सरकारी एजेंसियों द्वारा रिफाइंड चीनी के आयात और कारोबारियों के लिए स्टॉक सीमा तय करना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि खाद्य मंत्रालय बाजार में जारी की जाने वाली चीनी की मात्रा के संबंध में हर महीने निर्णय करता है और इसके मुताबिक देशभर में चीनी मिलों को आवंटन करता है। आधिकारिक घोषणा से पहले ही दिल्ली में चीनी का थोक भाव 15 रुपये प्रति क्विंटल घटकर 2,602 रुपये पर आ गया।