डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में मजबूती के कारण आज सोने में गिरावट दर्ज की गई। मगर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता के प्रति बनी चिंताओं के बीच फेडरल रिजर्व की गवर्नर को बर्खास्त करने के प्रयासों के बाद सुरक्षित निवेश की मांग के कारण इसमें ज्यादा गिरावट नहीं आई।
अमेरिकी समयानुसार सुबह 10.18 बजे हाजिर सोना 0.4 फीसदी लुढ़ककर 3,379.76 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। दिसंबर डिलिवरी के लिए अमेरिकी वायदा सोना 0.1 फीसदी गिरकर 3,428 डॉलर पर आ गया। प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर सूचकांक में 0.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, जिससे डॉलर में महंगा सोना विदेशी खरीदारों के लिए महंगा हो गया।
किटको मेटल्स के वरिष्ठ विश्लेषक जिम वायकॉफ ने कहा, ‘आज हम मजबूत डॉलर सूचकांक देख रहे हैं और इसके अलावा बॉन्ड यील्ड में भी मामूली मजबूती दर्ज की गई है। यील्ड सोने और चांदी के बाजार में बिकवाली का दबाव डाल रही है।’ अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे गैर यील्ड वाले सोने की अपील पर भी असर पड़ा।
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इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को फेड के निदेशक मंडल से हटा रहे हैं। इस बीच, कुक के वकील ने कहा कि वह ट्रंप को उन्हें बर्खास्त करने से रोकने के लिए मुकदमा करेंगी, जिससे एक लंबे समय तक चलने वाली कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है। ट्रंप द्वारा कुक को बर्खास्त करने की कोशिश के बाद, मंगलवार को सोने की कीमतें दो हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
निवेशक अब ब्याज दरों के रुख के बारे में संकेत के लिए गुरुवार के जीडीपी आंकड़ों और शुक्रवार के व्यक्तिगत उपभोग व्यय (फेडरल रिजर्व का तरजीही मुद्रास्फीति सूचकांक) का इंतजार कर रहे हैं। रॉयटर्स द्वारा सर्वेक्षण किए गए अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि जुलाई में पीसीई मूल्य सूचकांक 2.6 फीसदी बढ़ेगा, जो जून की वृद्धि के बराबर है।
वायकॉफ ने कहा, ‘अगर पीसीई आंकड़े मजबूत मुद्रास्फीति दिखाने में विफल रहते हैं, तो यह सवाल उठने लग सकता है कि क्या फेड सितंबर में ब्याज दरों में कटौती कर पाएगा। लेकिन मुझे संदेह है कि सितंबर में फेड को दरों में कटौती करने से रोकने के लिए मुद्रास्फीति के बेहद मजबूत आंकड़ों की आवश्यकता होगी।’सीएमई फेडवॉच टूल के अनुसार, फिलहाल बाजार में अगले महीने फेड की होने वाली नीति बैठक में दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की 90 फीसदी से अधिक संभावना का अनुमान है।