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सोने में उतार-चढाव बने रहने के आसार

Last Updated- December 10, 2022 | 7:25 PM IST

सोने में इस सप्ताह के दौरान तेजी बने रहने के आसार हैं। विदेशी बाजारों में जोरदार खरीदारी हो रही है, वहीं भारत के आभूषण कारोबारी बहुत कम खरीद कर रहे हैं।
दरअसल वैश्विक फंड हाउस, अमेरिका में मंदी के बाद नौकरियां जाने की रिपोर्ट आने से सोने में निवेश को सबसे ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।
वैश्विक आर्थिक स्थिति खराब होने के संकेचों के चलते निवेशक भी अपना फंड सोने में लगाना मुनासिब समझ रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था की हालत बुरी रहने पर भी उसे कैश कराया जा सके। लेकिन पिछले अनुभवों को देखते हुए प्रॉफिट बुकिंग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
हाल के कारोबार के दौरान अगर सोने की कीमतों पर नजर डालें तो स्थिति बहुत अनिश्चित सी लगती है-खासकर एक्सचेंज के माध्यम से हुए कारोबार को लेकर। कागज पर कारोबार करने वाले दुनिया के सबसे बड़े कारोबारी फंड एसपीडीआर में 26 फरवरी से ही कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है।
इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक अपना फंड दूसरी जगह लगा रहे हैं, जिसमें मूल धातुएं और इक्विटी शामिल है। खासकर तांबे की कीमतों में पिछले एक सप्ताह के दौरान 20 प्रतिशत का उछाल आया है। कारोबारियों के मुताबिक निवेशकों की ओर से सोने की जगह दूसरी जगह पैसा लगाने का यह सबसे बड़ा संकेत है।
एक विश्लेषक के मुताबिक सोने के रूस दूसरे सबसे बडे सोना उत्पादक पीटर हैंब्रो माइनिंग द्वारा उत्पादन में कटौती की घोषणा किए जाने के बाद कीमतों में उछाल के प्रति निवेशक निश्चिंत हैं। कंपनी ने घोषणा की है कि 2010, 2011 और 2012 में उत्पादन 10 लाख औंस से ज्यादा नहीं होगा। कंपनी के मुताबिक 2010 में उत्पादन 6.85-7.69 लाख औंस होगा, जबकि पहले का अनुमान 9.57 लाख औंस का था।

First Published - March 9, 2009 | 5:16 PM IST

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