संसद में पारित कृषि संबंधी तीन विधेयकों पर देश भर में किसानों के गुस्से को शांत करने के लिए सरकार ने 2021-22 विपणन वर्ष के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2 से 6 फीसदी इजाफा करने की आज घोषणा की। हालांकि किसान संगठनों ने इस बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताया है।
रबी के मौसम की प्रमुख फसल गेहूं का एमएसपी महज 2.6 फीसदी बढ़ाया गया है। 2020-21 विपणन वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जो 2019-20 में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं प्रमुख फसल है और कृषि संबंधी विधेयक पारित होने को लेकर इन्हीं राज्यों में ज्यादा विरोध हो रहा है।
2019-20 विपणन वर्ष में केंद्रीय पूल में कुल गेहूं खरीद (करीब 3.41 करोड़ टन) का करीब 70 फीसदी से ज्यादा योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का था।
भारतीय किसान यूनियन के सुभाष चौधरी ने कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी बढ़ाकर विरोध प्रदर्शन से ध्यान हटाने का प्रयास किया गया है। लेकिन मेरा मानना है कि इससे किसानों का विरोध और बढ़ेगा क्योंकि गेहूं के एमएसपी में केवल 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जो बहुत कम है।’
चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड महामारी के दौरान जिस हड़बड़ी में तीनों विधेयकों को संसद में लाई है और उसे पारित कराया है, उसके पीछे कोई षड्यंत्र लग रहा है।
किसान संगठनों ने 25 सितंबर को कृषि विधेयकों के खिलाफ देश भर में बंद का आह्वान किया है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को 10 प्रमुख केंद्रीय श्रम संगठनों का भी साथ मिला है। श्रम संगठन इस कदम को लोगों के विरूद्घ करार दिया है।
इस बीच चने का एमएसपी 4.61 फीसदी बढ़ाकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों का एमएसपी 5.08 फीसदी बढ़ाकर 4,608 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
सरकार ने 2020-21 फसल वर्ष में रिकॉर्ड 30.1 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल से 1.5 फीसदी अधिक है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम जानते हैं कि देश भर में किसान अगले कुछ हफ्तों में रबी की बुआई शुरू कर देंगे और समय से पहले एमएसपी में बढ़ोतरी से उन लोगों का मुंह बंद हो गया है जो कह रहे थे कि अध्यादेश के पारित होने के बाद एमएसपी को वापस ले लिया जाएगा।’
हालांकि विपक्षी कृषि विधेयक के विरोध पर अड़े हैं। कांग्रेस ने देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय किया है। इसके साथ ही कांग्रेस इन विधेयक के विरोध में देश भर में दो करोड़ किसानों और गरीबों के हस्ताक्षर जुटाएगी।
गैर-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से इतर दलों सहित शिरोमणि अकाली दल ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने और उनसे मिलने का निर्णय किया है।
इससे पहले राज्य सभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित आठ सदस्यों को मॉनसून सत्र के बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया। कृषि विधेयक के विरोध के दौरानअनुचित व्यवहार के कारण सदस्यों को निलंबित किया गया है।
