भारत का खाद्य तेल का भंडार 1 मई, 2025 को घटकर 5 साल के निचले स्तर 13.5 लाख टन पर पहुंच गया है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में पाम ऑयल के आयात में तेज गिरावट आने के कारण ऐसा हुआ है, जो 4 साल के निचले स्तर पर रहा है।
इसके पहले भारत में बंदरगाहों पर और आयात की कतार में भंडार 1 मई, 2020 को निचले स्तर पर करीब 9.1 लाख टन था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि घटते स्टॉक के कारण भारत आने वाले महीनों में पाम ऑयल और सोया तेल का आयात बढ़ा सकता है, जिससे मलेशिया के पाम ऑयल और अमेरिका के सोया तेल फ्यूचर्स को समर्थन मिलेगा। अप्रैल में भारत के पाम ऑयल का आयात मार्च की तुलना में 24.29 प्रतिशत गिरकर 3,21,446 टन रह गया है।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, ‘कम स्टॉक का यह मतलब नहीं कि देश में खाद्य तेल की आपूर्ति अपर्याप्त है। स्टॉक और आयात में गिरावट की एक वजह यह है कि सरसों की पेराई पूरे रफ्तार से चल रही है, जिसके कारण घरेलू आपूर्ति बेहतर है।’
उन्होंने कहा कि बंदरगाह पर स्टॉक गिरने की एक वजह यह भी है कि हर महीने करीब 60,000 से 70,000 टन रिफाइंड खाद्य तेल का आयात नेपाल से हो रहा है। कम स्टॉक और कम आयात ऐसे समय में हुआ है जब अप्रैल 2025 में खाद्य तेल की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 17.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है और लगातार छठे महीने इसकी महंगाई दो अंकों में बनी हुई है।