लखनऊ का मशहूर दशहरी आम इस बार आम नहीं रहेगा। बौर कम आने के चलते आम अबकी बार खास होने वाला है।
देश ही नहीं विदेशों में मशहूर फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद में मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि आम की फसल खासी कम होगी।
बीते साल भी फसल पकने के समय बारिश हो जाने के बाद दशहरी का रंग काला पड़ गया था और नतीजन विदेशों में निर्यात नहीं हो सका था। हालात इस बार भी कुछ वैसे ही हैं और दशहरी के उत्पादक निराश हो चले हैं। पद्म श्री दशहरी उत्पादक कलीमउल्लाह का कहना है कि आम के पेड़ों में बौर इस बार कम आए हैं, जिसके चलते उत्पादन में गिरावट होगी।
उनका कहना है कि मौसम समय से पहले ही गर्म हो गया और बौर खराब हो गयी है। बौर खराब हो जाने के चलते दशहरी के निर्यात की संभावनाएं धूमिल लगने लगी हैं। फल पट्टी क्षेत्र के निवासी और और उत्तर प्रदेश नर्सरी संघ के अध्यक्ष शिवसरन सिंह का कहना है कि सरकार ने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सही कदम नहीं उठाए हैं जिसके चलते फसल खराब हो गई है।
उनका कहना है कि दशहरी की फसल नाजुक होती है और सरकार को इसकी ओर ध्यान देना चाहिए। कुछ इसी तरह बीते साल भी समय से पहले बारिश हो जाने के बाद दशहरी की फसल खराब हो गयी थी और निर्यात के नाम पर केवल मामूली कारोबार हो सका था।
शिवसरन सिंह का कहना है कि जिस तरह से आंध्र प्रदेश की सरकार अलफांसों को प्रोत्साहित करती है, उत्तर प्रदेश को भी उसी तर्ज पर काम करना चाहिए। गौरतलब है कि दशहरी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने इसका नाम नवाब रख कर इसकी कई देशों में प्रदर्शनी भी लगाई है।
प्रदर्शनी लगाने के बाद नवाब ब्रांड को निर्यात के ऑर्डर खाड़ी देशों से और मलेशिया व सिंगापुर से मिले हैं। पर सरकार का यूरोप के देशों में दशहरी भेजने का मंसूबा खराब पैकिंग और क्वालिटी के चलते पूरा नही हो पा रहा है।