चालू गन्ना सीजन में 17 दिसंबर तक महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 26 फीसदी घटकर 25.7 लाख टन रहा गया। उत्पादन में गिरावट के बावजूद महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन करने वाला राज्य बना हुआ है। राज्य में चीनी उत्पादन कम होने के कारण चालू विपणन वर्ष में 15 दिसंबर की अवधि में भारत में चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 11 फीसदी घटकर 74.05 लाख टन रह गया।
महाराष्ट्र चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक सीजन 2023-24 में 17 दिसंबर 2023 तक महाराष्ट्र की 191 चीनी मिलों में गन्ना पेराई शुरू कर दी है। जिसमे 93 सहकारी एवं 98 निजी चीनी मिलें शामिल है। राज्य की चीनी मिलों में अभी तक 302.93 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है।
राज्य में अब तक लगभग 257.02 लाख क्विंटल (25.7 लाख टन) चीनी का उत्पादन किया गया है। राज्य में फ़िलहाल औसत चीनी रिकवरी 8.48 प्रतिशत है। पिछले सीजन में इसी समय 196 चीनी मिलें चालू थी और उन्होंने 383 लाख टन गन्ना पेराई कर 349.69 लाख क्विंटल ( 34.96 लाख टन ) चीनी का उत्पादन किया था।
महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन पिछले साल की अपेक्षा भले ही कम हुआ है लेकिन देश में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन अभी तक महाराष्ट्र में हुआ है। अभी तक महाराष्ट्र में 24.45 लाख टन जबकि उत्तर प्रदेश में 22.11 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के मुताबिक एक अक्टूबर से 15 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन बढ़कर 22.11 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 20.26 लाख टन था। जबकि महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 33.02 लाख टन से घटकर 24.45 लाख टन रह गया। कर्नाटक में उत्पादन 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन हो गया।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन के कारण देश में गन्ना उत्पादन कम हुआ है। इस्मा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अनुसार चालू विपणन वर्ष 2023-24 में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन 74.05 लाख टन तक रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 82.95 लाख टन था। चालू कारखानों की संख्या सालाना आधार पर 497 ही है।
इस्मा के अनुसार कम उत्पादन की एक वजह इस वर्ष महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों में पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10-15 दिन बाद काम पेराई शुरु होना भी है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है ।
उद्योग संगठन इस्मा ने पिछले हफ्ते अनुमान लगाया था कि विपणन वर्ष 2023-24 में कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन (एथनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद है। देश के पास 56 लाख टन का भंडारण है। खपत 285 लाख टन रहने का अनुमान है।
घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चालू विपणन वर्ष में चीनी निर्यात की अनुमति नहीं दी है। विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।