एशियाई बाजार में तेल की कीमत मंगलवार को गिरकर 109 डॉलर प्रति बैरल रह गई। अमेरिका के गुस्ताव तूफान के कारण इसकी मांग में हुई कमी की वजह से कीमतों में ये गिरावट देखी जा रही है।
अक्टूबर माह के लिए कच्चे माल की आपूर्ति को लेकर न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमत 106.03 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। कल जब श्रम दिवस के कारण अमेरिका में कारोबार बंद था, कारोबार 4.34 डॉलर प्रति बैरल चढ़कर 111.12 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया था।
गुस्ताव के कमजोर पड़ने से ऑफशोर तेल कुंओं की खुदाई और लुसियाना रिफाइनरी में तेल परिष्करण का काम न्यू ऑलिएंज और उसके आसपास के क्षेत्रों के मुकाबले आशा से कम प्रभावित हुआ। पिछले कुछ महीने में कच्चे तेल की कीमतों में काफी उछाल देखा जाता रहा और 11 जुलाई को तो इसकी कीमत 147.27 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी।
विकासशील देशों में बढ़ती मांगों के कारण कच्चे तेल की कीमतों में यह उछाल देखा गया। अब जबकि अमेरिका, यूरोप और जापान साल के बचे हुए महीने में कमजोर आर्थिक विकास के कयास लगा रहे हैं, वहीं निवेशक इस बात पर भी दांव लगा रहे हैं कि चीन और भारत जैसे देशों में तेल की मांग में कमी आ सकती है।
सिंगापुर की एक कंसल्टेन्सी कंपनी परविन एंड गर्ट्ज के ऊर्जा विश्लेषक विक्टर शम का कहना है कि वैश्विक मंदी को लेकर हो रही चिंता की वजह से आगे भी बाजार कमजोर पड़ता रहेगा। इस वजह से विकासशील बाजारों में तेल की मांग में कमी आएगी।
ओपेक और तेल आपूर्ति करने वाले देशों को तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट करनी चाहिए ताकि इसकी मांग बनी रहे। पेट्रोलियम निर्यात देशों के संगठन की आगामी बैठक 9 सितंबर को होनेवाली है, जिसमें तेल की कीमतों को 100 डॉलर प्रति बैरल करने जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।