एशियाई बाजारों में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया। कमजोर आपूर्ति और धीमी आर्थिक वृद्धि को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।
सुबह की खरीद में न्यू यॉर्क में तेल के प्रमुख कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड को मई में तेल की खरीद के लिए 46 सेंट अधिक खर्च करने पड़े और तेल की कीमतें 104.9 डॉलर प्रति बैरल हो गईं। गुरुवार को न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में बेंचमार्क कांट्रैक्ट एक डॉलर गिरकर 103.83 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। इसी तरह लंदन में ब्रेंट नॉर्थ में भी तेल की कीमतों में इजाफा हुआ।
यहां तेल मई वायदा 48 सेंट बढ़कर 103 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। जबकि गुरुवार को कीमतें 102.52 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर थीं। गुरुवार को ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नान्के ने चेतावनी दी थी कि साल की पहली छमाही में अमेरिका को मंदी का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक वृद्धि में आधी फीसदी की कमी का अनुमान लगाया है और इसके 3.7 फीसदी रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
तेल के वायदा कारोबार में इजाफा उस अमेरिकी रिपोर्ट के बाद हुआ है, जिसमें कहा गया है कि पिछले हफ्ते अमेरिका में गैसोलीन के भंडार में 45 लाख बैरल की कमी बताई गई है। इसके अधिक से अधिक 25 लाख बैरल तक गिरने की संभावना जताई गई थी।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब मई में गर्मियों की छुट्टियों को मनाने के लिए अमेरिकी नागरिक घूमने की योजना बनाने लगते हैं। ऐसे में वाहनों के लिए गैसोलीन की मांग बढ़ जाती है। शुक्रवार को अमेरिका की बेरोजगारी दर के आंकड़े घोषित किये जाएंगे, जिस पर कारोबारियों की नजरें भी लगी होंगी।