facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

समर्थन मूल्य को लांघ सकता है कपास का बाजार भाव : जे. एन. सिंह

Last Updated- December 08, 2022 | 1:06 AM IST

मौजूदा सीजन में कपास उत्पादन में थोड़ी बढ़ोतरी का अनुमान है।


कपास के उत्पादन, इसकी उत्पादकता और अगले 6 महीने में इसकी कीमत को लेकर हमारे संवाददाता चंदन किशोर कांत ने कपड़ा मंत्रालय में संयुक्त सचिव जगदीप नारायण सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश :

मौजूदा सीजन में कितना कपास पैदा होने का अनुमान है?

कॉटन एडवाइजरी बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान सीजन में कपास की करीब 3.22 करोड़ गांठ पैदा होने के अनुमान हैं। रकबे में कमी के बावजूद उत्पादकता बढ़ने से ऐसा होने जा रहा है।

अगले 6 महीनों में कपास की कीमतों को लेकर मंत्रालय के क्या अनुमान हैं?

कपास की कीमतें बताने वाले कॉटलुक इंडेक्स के अनुसार बीते दो महीनों में इसकी कीमतों में करीब 20 फीसदी की कमी हुई है। हालांकि, कपास की वैश्विक मांग इसके उत्पादन से करीब 20 लाख टन ज्यादा रहने की उम्मीद है।

देश में इसकी कीमत फिलहाल नरम चल रही है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले दिन में इसकी कीमत घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से थोड़ी ज्यादा रहेगी। इस साल दुनिया में कपास उत्पादन में कमी अनिश्चितताओं से भरी है।

कुछ रिपोर्टों में बताया गया कि अपर्याप्त ऊर्जा के चलते मिलें लगातार बंद हो रही हैं। जिसका नतीजा है कि कपास की खपत कम रह रही है। ऐसे में आपको क्या लगता है, इस बार कपास की खपत प्रवृत्ति कैसी रहेगी?

यह कुछ हद तक सही है। पिछले साल के अगस्त की तुलना में 2008 के अगस्त महीने में सूती धागे का उत्पादन करीब 5 फीसदी कम रहा है। इस साल तो अभी सीजन की शुरुआत ही हुई है। ऐसे में यह कहना बड़ा मुश्किल है कि क्या बिजली की किल्लत पूरे साल बनी रहेगी? यदि ऐसा हुआ तो तय है कि कपास की घरेलू खपत थोड़ी होगी।

आपको क्या लगता है कि इस साल भी कपास की निर्यात प्रवृत्ति 07-08 की तरह जारी रहेगी?

लगभग। पिछले साल की ही तरह इस साल भी कपास का निर्यात लगभग समान गति से जारी रहेगी, ऐसी उम्मीद है। इस बार घरेलू मांग भी बढ़ोतरी की कोई उम्मीद नहीं है लिहाजा सरप्लस कपास का निर्यात करना उचित रहेगा।

भले ही इसकी घरेलू कीमत एमएसपी से ज्यादा हो या कम। कपास की वैश्विक मांग परिदृश्य विशेषकर चीन में, का आकलन करना बड़ा मुश्किल हो रहा है। इसकी मांग तो अमेरिका और यूरोप में उपभोक्ताओं के व्यवहार पर निर्भर करेगी।

First Published - October 23, 2008 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट