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कीमतों की अटकलबाजी से जूझता तांबा उत्पाद बाजार

Last Updated- December 11, 2022 | 5:25 AM IST

तांबे की कीमतों में चल रहे अस्थिर उतार-चढ़ाव से जगाधरी के तांबे के उत्पाद और चादर निर्माणकर्ताओं के होश उड़े हुए है।
खरीदार जहां कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के चलते नए आर्डरों को देने में कन्नी काट रहें है, वहीं निर्यात बाजार में भी तांबे की मांग में 20 से 30 फीसदी की कमी आ गई है।
जगाधारी में तांबे की चादरों का निर्माण करने वाले उद्यमियों का मानना है कि बाजार में इस समय तांबे की कीमतें अटकलों से भरी हुई है और आने वाले कुछ दिनों में अच्छे कारोबार की कोई संभावना  नहीं है।
वैसे जगाधरी में तांबे की चादर बनाने वाली लगभग 100 छोटी-बड़ी इकाइयां है जो मुख्य तौर पर सेनेटरी और  इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को बिक्री करती है। गौरतलब है कि तांबे की चादरों का निर्माण करने वाली जगाधरी इंडस्ट्री का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2007-08 में जहां 500 करोड़ के लगभग रहा था।
वहीं वित्त वर्ष 2008-09 में इसमें किसी तरह का सुधार आता दिखाई नहीं दे रहा है। लंदन मेटल एक्सचेंज के आंकड़ो के मुताबिक पिछले कुछ समय में  तांबे की कीमतें 8 हजार प्रति मीट्रिक  टन(पीएमटी) से घटकर 2800 पीएमटी आ गई थी लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान तांबे की कीमतें फिर से 4700 पीएमटी पहुंच गई है।
जगाधरी कॉपर और कॉपर एलॉय शीट मैल्यूफेक्चर्स एसोसिएशन के सदस्य अश्वनी गोयल बिजनेस स्टैंडर्ड को बताते है कि भले ही कुछ महीनों में तांबे की कीमतों में भले ही उछाल आया हो लेकिन कीमतों में अस्थिरता के चलते निर्मार्णकत्ताओं के लिए यह अभी भी कारोबारी चिंता का विषय बना हुआ है।
इस क्षेत्र के निर्माणकर्ता कीमतों में इस उतार-चढ़ाव से बचना चाहते है ताकि मांग राशि और लागत के बीच एक निश्चित स्तर का अंदाजा लगाया जा सकें। गोयल ने यह भी बताया कि तांबे की कीमतों में उतार-चढ़ाव उन ट्रेडर्स की अटकलबाजी के कारण दिखने को मिल रहा है जो इस समय धातुओं की ट्रेडिंग में ज्यादा रुचि ले रहे हैं।
कीमतों में इस उतार-चढ़ाव के चलते ही कई आर्डर समाप्त हो गये है। निर्यात बाजार में तो और भी बुरा हाल है क्योकि खरीदार कीमतों में गिरावट को देखते हुए रोज नई छूटों की मांग कर रहा है। लेकिन कीमतें अस्थिर होने के कारण हम ऐसा नहीं कर सकते है। ऐसे में खरीदार की तरफ से आर्डरों की मनाही हो जाने के चलते हमारे उत्पादन में 30 से 40 फीसदी की कमी आ गई है।

First Published - May 4, 2009 | 1:44 PM IST

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