पामऑयल के आयात पर लगने वाले शुल्क में कटौती व खाद्य तेलों के निर्यात पर पाबंदी के बावजूद नारियल तेल की कीमत में कोई कमी नहीं आई है।
माना जा रहा है कि उत्तम किस्म की गोला गरी की आपूर्ति में आई कमी से नारियल तेल की कीमत में तेजी का रुख जारी है। पिछले दस दिनों बारिश होने के कारण गरी सूख नहीं पाई लिहाजा इसकी आपूर्ति में मांग के मुकाबले काफी कमी देखी गई।
नारियल तेल के कारोबारियों का मानना है कि गोला गरी की आपूर्ति में सुधार होने में अभी कुछ और दिन लगेंगे। उनका कहना है कि केरल में इसकी आपूर्ति में अप्रैल के मध्य से सुधार देखने को मिल सकता है तो तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश में यह स्थिति अप्रैल के अंत तक आएगी।
कोचीन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन (कोमा) के मुताबिक नारियल तेल प्रति क्विंटल 50 रुपये की मजबूती देखी गई। इसके भाव 5,750 रुपये प्रति क्विंटल रहे। कोमा के मुताबिक गरी की कीमत प्रति क्विंटल 3810-3825 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन उम्दा किस्म की गरी के दाम 3900 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास देखे गए।
हालांकि सरकार द्वारा खाद्य तेलों के निर्यात पर रोक व पाम ऑयल के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा के तुरंत बाद नारियल तेल के दामों में गिरावट आ गई थी।
लेकिन बाद में गरी के उत्पादन में आई कमी के समर्थन से नारियल तेल के बाजार में सुधार हो गया। दिलचस्प बात यह है कि पामऑयल की कीमत अब भी नारियल तेल की कीमत से अधिक है। थोक बाजार में पाम ऑयल की कीमत 6200 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि नारियल तेल की कीमत 5750 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है। पामऑयल की कीमत नारियल तेल की कीमत के मुकाबले अधिक होने के कारण केरल व तमिलनाडु जैसे प्रांतों में नारियल तेल की मांग में मजबूती देखी गई।
कोच्चि के प्रमुख व्यापारियों के मुताबिक नारियल तेल की मांग में 30 फीसदी की मजबूती आई है। इधर नारियल की खेती करने वाले किसान व नारियल विकास समिति ने सरकार से नारियल तेल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने की मांग की है। वाणिज्य मंत्रालय किसानों की मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है और उम्मीद है बहुत जल्द उनके हक में फैसला किया जाएगा।
कोमा के अध्यक्ष एमजे कुरियाकोस ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि नारियल तेल का निर्यात बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है। ऐसे में इसके निर्यात से घरेलू मांग की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसलिए नारियल तेल के निर्यात पर लगी रोक को हटा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि नारियल तेल का कुल निर्यात इसके कुल उत्पादन के एक फीसदी से भी कम है। फिलहाल भारत से सिर्फ पश्चिम एशिया के देशों में नारियल तेल का निर्यात किया जाता है।