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कोयला नीलामी का रिकॉर्ड बनाएगी सीआईएल

Last Updated- December 10, 2022 | 2:12 AM IST

राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) चालू वित्त वर्ष का अंत 12 करोड़ टन कोयले की नीलामी के साथ करेगी। यह पेशकश ई-नीलामी के जरिये की गई है और कंपनी द्वारा नीलाम की गई यह सर्वाधिक मात्रा है।
नीलामी के तहत कोयले की बिक्री में अप्रैल से दिसंबर 2020 में खनन कंपनी ने 76.2 फीसदी की वृद्घि हासिल की है। कोल इंडिया ने दिसंबर तक पांच बार नीलामी की और इसके तहत 8.14 करोड़ टन कोयले की बुकिंग की। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 3.52 करोड़ टन रहा था। कोल इंडिया का विद्युत संंयंत्रों और विभिन्न गैर-विद्युत कंपनियों के साथ दीर्घकालीन ईंधन आपूर्ति समझौता है। इसके अलावा वह समय समय पर विभिन्न उद्योगों के लिए कोयले की ई-नीलामी का आयोजन भी करती है।     
पहले लॉकडाउन और उसके बाद औद्योगिक गतिविधि और विद्युत क्षेत्र से मांग में धीमी सुधार के कारण कोयले की मांग को धक्का लगा। इन वजहों से मौजूदा आपूर्ति समझौतों से कोल इंडिया का राजस्व प्रभावित हुआ। कंपनी ने ऐसे उद्योगों की कोयले की मांग को पूरा करने के लिए नीलामी प्रक्रिया के तहत आपूर्ति बढ़ा दी जिनका उसके साथ दीर्घकालीन ईंधन आपूर्ति समझौता नहीं था।
अक्टूबर में कोल इंडिया ने उन कंपनियों और व्यापारियों के लिए ई-नीलामी की एक विशेष श्रेणी शुरू की जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले का आयात करते थे। इस विशिष्ट नीलामी के तहत तीन दौर की नीलामी में 73 लाख टन कोयले की बुकिंग की गई।
ये नीलामी केंद्र सरकार के उस प्रयास के अनुरूप हैं जिसके तहत वह कोयले का आयात शून्य करना चाहती है। कोल इंडिया के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि चूंकि नीलामी के तहत बिक्री पिछले अनुमानों के पार जा चुकी है अत: कंपनी चालू वित्त वर्ष के अंत में 12 करोड़ टन कोयले के आवंटन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। उन्होंने कहा, ‘हमने ईस्टर्न कोलफील्ड्स, भारत कोकिंग कोल, सेंट्रल कोलफील्ड्स और साउथ ईस्ट कोलफील्ड्स (सीआईएल की सहायक कंपनियों) में विशेष खदानों की पहचान की है जहां से ई-नीलामी में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और इनमें आगे बढ़ोतरी होने की संभावना है।’
उन्होंने कहा कि ई-नीलामी के तहत कोयले की बिक्री बढऩे से कोल इंडिया की बिक्री से प्राप्त होने वाला राजस्व भी बढ़ा है, विशेष तौर कोविड महामारी के दौरान मार्जिन कम हो गया था। अधिक मात्रा में कोयले की बुकिंग होने के अलावा अधिसूचित कीमत से ऊपर प्रीमियम में भी इजाफा हुआ है। कोल इंडिया को अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान हुई नीलामियों में औसतन 15 फीसदी का प्रीमियम प्राप्त हुआ है।  कंपनी के एक वक्तव्य में कहा गया है कि सहायक कंपनियों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स को अधिसूचित कीमतों से 40 फीसदी अधिक रकम प्राप्त हुई जो कि सर्वाधिक है। इसके बाद सेंट्रल कोलफील्ड्स और भारत कोकिंग कोल को क्रमश: 23 फीसदी और 22 फीसदी अधिक रकम प्राप्त हुई। कोल इंडिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में गैर-विद्युत क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने एक विशेष नीलामी खिड़की के तहत 1.98 करोड़ टन कोयले की बुकिंग कराई जो पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुना से अधिक की वृद्घि है।
इन नीलामियों में अधिसूचित कीमत से ऊपर 25 फीसदी प्रीमियम की कमाई हुई। कोल इंडिया ने कहा कि एक विशेष नीलामी के तहत विद्युत क्षेत्र से दिसंबर 2020 में बुकिंग में अच्छी खासी तेजी देखी गई।

First Published - January 6, 2021 | 9:16 PM IST

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