facebookmetapixel
रूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूरडायरेक्ट असाइनमेंट को बैंकों से वरीयता मिलने की संभावनासरकारी बैंकों में विदेशी निवेश 49% तक बढ़ाने की तैयारी, सरकार खोल सकती है दरवाजेलगातार तीन तिमाहियों की बढ़त के बाद कारोबारी धारणा में गिरावटसेबी ने मिल्की मिस्ट डेयरी फूड, क्योरफूड्स इंडिया समेत 5 आईपीओ को मंजूरी दीऋण के सार्वजनिक निर्गम में चुनिंदा निवेशकों को प्रोत्साहन पर विचारDollar vs Rupee: आयातकों की लगातार डॉलर मांग से रुपये में कमजोरी

Chana price: चना हुआ और गर्म, महीने भर में 15 फीसदी चढ़े दाम

Chana price: एक महीने पहले दिल्ली में चना का थोक भाव 6,350 से 6,400 रुपये था, जो अब बढ़कर 7,300 से 7,350 रुपये क्विंटल हो गया है।

Last Updated- May 27, 2024 | 5:04 PM IST
Chana import duty
Representative Image

Chana price today 2024: चना के भाव लगातार ताव दिखा रहे हैं। महीने भर में इसके भाव 1,000 रुपये क्विंटल तक चढ़ गए हैं। चना की कीमतों पर तेजी इस कदर सवार है कि आयात शुल्क हटने और आवक बढ़ने के बावजूद चना के दाम काबू में नहीं आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ऊंचे भाव पर कुछ समय के लिए भले ही चना के भाव कुछ घट जाएं। लेकिन कमजोर उत्पादन व स्टॉक के कारण लंबी अवधि में चना के भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल को भी पार कर सकते हैं।

महीने भर में कितना महंगा हुआ चना?
एक महीने पहले दिल्ली में चना का थोक भाव 6,350 से 6,400 रुपये था, जो अब बढ़कर 7,300 से 7,350 रुपये क्विंटल हो गया है। इस तरह महीने भर में चना के भाव में करीब 15 फीसदी इजाफा हुआ है। सप्ताह भर में भी चना के दाम करीब 9 फीसदी बढ़े हैं। एक माह के दौरान महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चना के थोक भाव करीब 700 रुपये बढ़कर 6,950 से 7,000 रुपये क्विंटल हो चुके हैं।

चना के भाव क्यों बढ़ रहे हैं?
India Pulses and Grains Association (IPGA) के सचिव सतीश उपाध्याय ने बताया कि चना का उत्पादन घटने के बीच इसकी मांग काफी मजबूत है। जिससे चना की कीमत लगातार बढ़ रही है। सरकार भले 120 लाख टन चना उत्पादन का दावा करे। लेकिन उद्योग का अनुमान है कि इसका उत्पादन 80 लाख टन के करीब है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि इस साल सरकार के पास भी चना का स्टॉक काफी कम है। इससे भी चना के भाव बढ़ने को बल मिल रहा है। इस महीने चना की आवक बढ़ने के बावजूद दाम न घटने के सवाल पर उपाध्याय ने कहा कि ऊंचे भाव पर मुनाफा कमाने के लिए किसानों ने आवक कुछ बढ़ाई है। लेकिन उत्पादन काफी कम है और इस समय खरीदार किसी भी भाव पर चना खरीदने को तैयार हैं।

अब आगे क्या रहने वाले हैं चना के भाव?
जानकारों के अनुसार आगे भी चना महंगा बिकने की संभावना है। हालांकि मुनाफावसूली से कुछ समय के लिए गिरावट भी संभव है। उपाध्याय ने कहा कि अब आगे चने की आवक और कमजोर पड़ती जाएगी। सरकार के पास भी चना का स्टॉक नहीं है। फिलहाल आयात भी बड़े स्तर पर नहीं होने की संभावना है। अगले महीने से तंजानिया से आयात हो सकता है। लेकिन आयात 1.5 से 2 लाख टन ही होने की संभावना है। ऑस्ट्रेलिया से चना का आयात अक्टूबर-नवंबर में होने की उम्मीद है। भारत द्वारा चना आयात शुल्क मुक्त करने से आस्ट्रेलिया में चना के दाम 150 डॉलर प्रति टन बढ़ गए हैं। अभी ऑस्ट्रेलिया में चना के भाव 900 डॉलर टन हैं और अक्टूबर से दिसंबर के लिए नई फसल के भाव 860 से 870 डॉलर प्रति टन बोले जा रहे हैं। खर्चे मिलाकर इस भाव भारत में आयातित चना घरेलू भाव से महंगा पड़ेगा। ऐसे में आगे भी चना के भाव मजबूत रह सकते हैं। पॉल ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए घरेलू बाजार में ऑस्ट्रेलिया से चना आयात होने से पहले भाव बढ़कर 8,000 रुपये क्विंटल को भी पार कर सकते हैं।

First Published - May 27, 2024 | 4:48 PM IST

संबंधित पोस्ट