चीनी मिलों को चीनी उत्पादन की जगह ज्यादा एथेनॉल बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने आज विभिन्न स्रोतों से मिलने वाले सभी तीन श्रेणी के एथेनॉल उत्पादों के खरीद दाम में 1 दिसंबर 2020 से शुरू हो रहे 2020-21 सत्र के लिए 1.95 रुपये से 3.34 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।
इस समय एथेनॉल उत्पादन की अनुमति सी-हैवी मोलैसिस, बी-हैवी मोलैसिस और सीधे गन्ने या गन्ने के रस से बनाने की अनुमति है। इसे अनाज के इस्तेमाल न होने वाले टुकड़ों से भी बनाने की अनुमति है। कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ गन्ने से बनने वाले एथेनॉल के लिए है। खरीद मूल्य बढ़ाने का फैसला मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज लिया है। सी- हैवी मोलैसिस से बनने वाला एथेनॉल की कीमत 2020-21 सत्र के लिए 46.69 रुपये लीटर होगी, जो चालू सत्र में 43.75 रुपये लीटर है। इसमें 4.43 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। वहीं तेल विपणन कंपनियों के लिए बी-हैवी मोलैसिस की कीमत 2020-21 सत्र के लिए 57.61 रुपये लीटर होगी, इसमें मौजूदा भाव से 6.15 रुपये लीटर बढ़ोतरी की गई है। इसे इंटरमीडिएटरी मोलैसिस के रूप में भी जाना जाता है।
गन्ने के रस या सीधे चीनी से बनने वाले एथेनॉल की खरीद कीमत 2020-21 सत्र के लिए 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है और चालू सत्र की तुलना में इसमें 5.33 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
अब तक के मानकों के मुताबिक एथेनॉल खरीदने वाली तेल विपणन कंपनियां पहले से तय मूल्य पर एथेनॉल खरीदेंगी और जीएसटी और परिवहन शुल्क का भुगतान करेंगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक ओएमसी सिक्योरिटी जमा राशि 5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने को सहमत हो गई हैं, जिससे एथेनॉल ऑपूर्तिकर्ताओं को करीब 400 करोड़ रुपये मिलेंगे।
2019-20 एथेनॉल उत्पादन सत्र कुछ सप्ताह में समाप्त होगा। कुछ सप्ताह पहले तक चीनी मिलों ने करीब 1.95 अरब लीटर सौदे में से करीब 1.5 अरब लीटर (करीब 73 प्रतिशत) की आपूर्ति तेल विपणन कंपनियों को कर दी है।
