अगले साल यानी 2009 में सीमेंट की कीमतों में 15 रुपये प्रति बोरी की कमी होने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक, सीमेंट का बुरा दिन अभी आने वाला है।
अगले साल की पहले छमाही तो थोड़ा बेहतर भी रहेगा पर दूसरी छमाही बेहद बुरा बीतने वाला है। कीमतों में कटौती की वजह सीमेंट की मांग में अनुमान से ज्यादा गिरावट होना रहा है। उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर अपेक्षा से कम रही है।
इस चलते इसकी मांग पर सीधा असर पड़ा है। हालांकि अगले वित्तीय वर्ष के शुरू होते-होते उद्योग की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 22 करोड़ टन हो जानी है। कारोबारियों के मुताबिक, ऐसा होने से सीमेंट की कीमतों पर दबाव यूं ही बढ़ जाएगा।
बहरहाल सीमेंट का मौजूदा औसत भाव 220 रुपये प्रति बोरी (1 बोरी=50 किलोग्राम) है। इससे पहले दिसंबर के पहले हफ्ते में इसकी कीमतों में 2 से 4 रुपये प्रति बोरी की कमी हुई थी। बाद में उत्पाद कर में 4 फीसदी की कटौती हुई तो कीमतों में एक बार फिर 4 से 6 रुपये की कमी कर दी गई।
और अब कीमतों में फिर 15 रुपये की कमी होने की उम्मीद है। इस तरह महज कुछ महीनों में सीमेट की दाम प्रति बोरी 20 से 25 रुपये तक कम हो जाएंगे।
सीमेंट क्षेत्रीय जिंस होने के चलते विभिन्न क्षेत्रों में इसके दाम भिन्न-भिन्न होते हैं। उत्तर में यह 205-220 रुपये प्रति बोरी, पूरब में 210 रुपये प्रति बोरी बिकता है।
अंबुजा सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक अमृत लाल कपूर ने बताया, ”अगले साल सीमेंट उद्योग की विकास दर 7-8 फीसदी से अधिक होने की उम्मीद नहीं है। सबसे खराब समय अभी आना बाकी है लिहाजा इसकी कीमतों में और कमी होगी।
सीमेंट कंपनियों की उत्पादन क्षमता विस्तार का असर तो 2009-10 तक दिखने की उम्मीद है और तब हालत और खराब हो जाएगी। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि कई कंपनियां बंद हो जाएं।”
सीमेंट स्टॉकिस्ट्स एंड डीलर एसोसिएशन ऑफ बॉम्बे के अध्यक्ष संजय लादीवाला ने बताया कि अगले साल कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति बोरी की कमी होगी। यही बात सीमेंट उद्योगों के अन्य जानकारों ने भी कही। कारोबारियों के मुताबिक, कीमतें घटाए जाने की सारी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं।
उनके मुताबिक, जैसे-जैसे उत्पादन क्षमता में हुए विस्तार का असर सामने आ रहा है, हालात और भी खराब होता जा रहा है। अप्रैल से नवंबर 2008 के बीच देश में सीमेंट मांग की वृद्धि दर करीब 7 फीसदी रहने का अनुमान है।