Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल आईपीओ अप्लाई करने के अंतिम दिन पूरी तरह बुक होने के साथ बंद हो गया। टाटा कैपिटल लिमिटेड का 15,512 करोड़ रुपये का आईपीओ अप्लाई करने के लिए सोमवार (6 अक्टूबर) को खुला था और आज इश्यू को अप्लाई करने का अंतिम दिन था।
एनएसई के वेबसाइट के अनुसार, इश्यू को दोपहर 3:30 बजे तक 1.93 गुना बोलियां मिली। इश्यू को 33,34,36,996 शेयरों की बोलियों के मुकाबले 64,77,43,296 शेयरों के लिए बोलियां मिली। सबसे ज्यादा मांग क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की रही। उन्होंने आईपीओ को 3.39 गुना बुक किया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NIIs) ने 1.97 गुना और रिटेल निवेशकों ने 1.07 गुना सब्सक्राइब किया।
टाटा कैपिटल आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 9 अक्टूबर को फाइनल रूप से तय किया जा सकता है। कंपनी 10 अक्टूबर को रिफंड प्रोसेस शुरू करेगी। टाटा कैपिटल के शेयर सोमवार, 13 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं।
आईपीओ का 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया था। 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NII) के लिए और कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया था। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए 12 लाख इक्विटी शेयर रिजर्व रखे गए थे।
टाटा कैपिटल आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में ठंडा रिस्पांस देखने को मिल रहा है। ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, टाटा कैपिटल आईपीओ के नॉन-लिस्टेड शेयर 8 अक्टूबर को 329.5 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड 326 रुपये के मुकाबले 3.5 रुपये या 1 प्रतिशत कम है।
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ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एक अनौपचारिक रकम होती है। यह वह राशि है जो निवेशक आईपीओ के इश्यू प्राइस से ज्यादा देने को तैयार रहते हैं। यह सौदा तब होता है जब शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हुए होते। जीएमपी से बाजार की रुचि और मांग का अंदाजा लगता है। अगर जीएमपी ज्यादा हो, तो मतलब निवेशक उत्साहित हैं। इससे लिस्टिंग के दिन मुनाफा मिलने की उम्मीद बढ़ती है। अगर जीएमपी कम या निगेटिव हो, तो यह निवेश में कम रुचि दिखाता है।